सीधी
भू-अर्जन फर्जीवाड़ा,ईओडब्ल्यू ने कसा शिकंजा,37 भू-स्वामियों को थमाई नोटिस।

भू-अर्जन फर्जीवाड़ा,ईओडब्ल्यू ने कसा शिकंजा,37 भू-स्वामियों को थमाई नोटिस।
चुरहट में नियम विरुद्ध तरीके से किए गए भू-अर्जन का मामला
बायपास एवं रेलवे लाइन में मुआवजे को लेकर किया गया था फर्जीवाड़ा
सीधी : जिले के चुरहट इलाके में रेल्वे एवं वायपास भू-अर्जन में गलत तरीके से अभी तक 37 भू-स्वामियों पर नामांतरण एवं बटांकन के मामले में ईओडब्ल्यू ने शिकंजा कस दिया है। ईओडब्ल्यू ने फर्जी नामांतरण कराकर मुआवजे की राशि ऐंठने की जुगत में लगे 37 किसानों को नोटिस जारी कर तलब होने के निर्देश दिये हैं।
विगत दिनों पहले ईओडब्ल्यू की टीम ने चुरहट तहसील कार्यालय में दबिस देकर रिकार्ड्स को जप्त किया था। चुरहट तहसील में रेल्वे लाईन निकलने की जानकारी मिलने के बाद जहां किसानों ने तहसील अमले से सांठ-गांठ कर फर्जी नामांतरण का खेल खेला गया था वहीं मोहनिया-सर्रा वायपास निर्माण में भी जमकर फर्जीवाड़ा हुआ था। इस पूरे फर्जीवाड़े में तत्कालीन तहसीलदार अमिता सिंह तोमर एवं अन्य विभागीय अमले की भूमिका संदिग्ध थी। जिसकी शिकायत ईओडब्ल्यू में दर्ज कराई गई थी जिस पर विभाग द्वारा 16/2019 का प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया गया था। विगत दिनों ईओडब्ल्यू रीवा की टीम ने रेल्वे एवं बायपास में फर्जी तरीके से नामांतरण एवं बटांकन के दस्तावेजों को जप्त करके अपने साथ ले गई थी।
दस्तावेजों का परीक्षण करने के उपरांत ईओडब्ल्यू ने 8 सितंबर को नोटिस जारी करते हुए 37 कृषकों उपस्थित होने के निर्देश दिये है। जिनमें वायपास में लाभान्वित होने वाले 27 एवं रेल्वे में लाभान्वित होने वाले 10 कृषक शामिल हैं।
वायपास में इन्होने लिया लाभ
सर्रा-मोहनिया वायपास निर्माण में फर्जी तरीके से लाभ लेने वाले कृषकों की अब धड़कने बढ़ गई हैं, ईओडब्ल्यू रीवा ने 27 कृषकों को नोटिस जारी करते हुए 19 सितंबर को उपस्थित होने के निर्देश दिये हैं जिनमें पुष्पेन्द्र सिंह पिता वासुदेव सिंह बघेल निवासी ग्राम डढिय़ा, बृजेश कुमार गुप्ता पिता रामदेव गुप्ता निवासी ग्राम चुरहट,श्रीमती ममता सिंह पत्नी पुष्पेन्द्र सिंह बघेल निवासी ग्राम डढिय़ा,श्रीमती मोनिका गुप्ता निवासी चुरहट,अनामिका पिता प्रेमलाल गुप्ता निवासी चुरहट,दीक्षा पिता प्रेमलाल गुप्ता निवासी चुरहट, शिवांचल पिता प्रेमलाल गुप्ता निवासी चुरहट, जयराम सिंह पिता तेजबहादुर सिंह निवासी चुरहट,रूपा सिंह पिता जयराम सिंह निवासी चुरहट,उदयराज सिंह पिता जयराम सिंह निवासी चुरहट,विभा सिंह पिता उदयराज सिंह निवासी चुरहट,अजय सिंह पिता जयराम सिंह निवासी चुरहट ,श्रीमती आशा सिंह पत्नी अजय सिंह निवासी चुरहट ,विजय सिंह पिता जयराम सिंह निवासी चुरहट,सुमन सिंह पिता विजय सिंह निवासी चुरहट, वासुदेव सिंह पिता लल्ला सिंह निवासी ग्राम डढिय़ा,श्रीमती उमा देवी पत्नी देवेन्द्र सिंह निवासी ग्राम डढिया,अंकित सिंह पिता देवेन्द्र सिंह निवासी ग्राम डढिया, मनोज कुमार सिंह पिता वासुदेव सिंह निवासी ग्राम डढिय़ा, श्रीमती सरोज सिंह पत्नी मनोज कुमार सिंह निवासी ग्राम डढिय़ा, अनिल कुमार सिंह पिता वासुदेव सिंह निवासी ग्राम डढिय़ा,श्रीमती कृष्णा सिंह पत्नी अनिल सिंह निवासी ग्राम डढिय़ा, विजय सिंह पिता जयराम सिंह निवासी ग्राम डढिय़ा,अर्चना पिता रामदेव गुप्ता निवासी ग्राम चुरहट,रीना पिता रामदेव गुप्ता निवासी ग्राम चुरहट ,कल्पना पिता रामदेव गुप्ता निवासी ग्राम चुरहट,सरस्वती पत्नी रामदेव गुप्ता निवासी ग्राम चुरहट शामिल हैं।
10 कृषकों का रेल्वे में शामिल है नाम
कई कृषकों द्वारा रेल्वे में भी राजस्व विभाग के साथ सांठ-गांठ कर कूटरचित तरीके से लाभ प्राप्त करने का प्रयास किया है जिनमें जानकी प्रसाद त्रिपाठी पिता रामलाल त्रिपाठी निवासी ग्राम मौरा,अकांक्षा त्रिपाठी पुत्री जानकी प्रसाद त्रिपाठी निवासी ग्राम मौरा,मृगेन्द्र सिंह परिहार पिता पंचराज सिंह परिहार निवासी पुष्पांजली कालोनी मुख्तियारगंज सतना,श्रीमती रामरती पति सुदामा साहू निवासी ग्राम कैमहाई ,योगेन्द्र शुक्ला पिता रामनरेश शुक्ला निवासी ग्राम गाड़ा तहसील रामपुर बाघेलान,पराग त्रिपाठी पिता रामप्रकाश त्रिपाठी निवासी ग्राम पन्ना तहसील पन्ना, शांतशिरोमणि पयासी पिता सुरेश कुमार पयासी निवासी ग्राम भेलकी,दिलीप सिंह पिता छोटेलाल सिंह निवासी ग्राम धुम्मा ,स्वतंत्र मिश्रा पिता विजय कुमार मिश्रा निवासी ग्राम डडवरिया तहसील गुनौर जिला पन्ना एवं श्रीमती शकुन्तला सिंह पत्नी नागेश्वर सिंह निवासी ग्राम धुम्मा तहसील चुरहट शामिल हैं। जिनको 18 सितंबर को ईओडब्ल्यू ने उपस्थित रहने नोटिस जारी की गई है।
2018 का है पूरा मामला
चुरहट तहसील अन्तर्गत पांच वर्ष पूर्व रेल्वे लाईन एवं सर्रा-मोहनिया बायपास से प्रभावित किसानों ने तहसीलदार अमिता सिंह तोमर एवं अन्य विभागीय अमले से सांठ-गांठ कर फर्जी तरीके से परिवार व रिस्तेदारों के नाम भूमि का नामांतरण कराकर रेल्वे विभाग को लंबी चपत लगाने की योजना तैयार की गई थी हालांकि अभी तक फर्जी तरीके से नामांतरण कराने वाले किसानों का एवार्ड अधर में ही लटका हुआ है। इस बीच ईओडब्ल्यू की जांच शुरू हो जाने से जहां तत्कालीन तहसीलदार सहित इस पूरे मामले से जुड़े राजस्व अमले की धड़कने तेज हो गई हैं वहीं फर्जी नामांतरण कराकर मुआवजे की राशि ऐंठने की जुगत में लगे किसानों को भी मुश्किलें बढ़ गई हैं।