भाजपा को जोर का झटका, मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी ने दिया बीजेपी से इस्तीफा, कांग्रेस में हो सकते हैं शामिल।
भाजपा को जोर का झटका, मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी ने दिया बीजेपी से इस्तीफा, कांग्रेस में हो सकते हैं शामिल।
सतना/भोपाल। मैहर विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी ने भारतीय जनता पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया है. अब मैहर की राजनीति में एक नई शुरुआत होने जा रही है. वर्तमान विधायक नारायण त्रिपाठी लगातार बीजेपी पार्टी में रहकर भी स्थानीय समस्याओं को लेकर अपनी आवाज बुलंद करते रहते हैं. अब एक बार फिर वह अपने जीवन में एक नई पहल की शुरुआत करने जा रहे हैं. कयास लगाए जा रहे हैं कि नारायण त्रिपाठी कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं.
विंध्य प्रदेश की उठाते रहे हैं मांग: हमेशा मीडिया की सुर्खियों में बने रहने वाले एवं विंध्य प्रदेश की मांग करने वाले मैहर विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी एक बार फिर सुर्खियां में हैं. नारायण त्रिपाठी ने भारतीय जनता पार्टी से अपनी प्राथमिक सदस्यता त्यागपत्र दे दिया है. बता दें कि बीजेपी में रहकर विधायक अपने ही सरकार के खिलाफ आवाज बुलंद करते रहते थे, और बीजेपी से विधायक रहे नारायण त्रिपाठी ने मैहर के साथ-साथ विंध्य प्रदेश की मूलभूत सुविधाओं को लेकर अक्सर पत्र लिखकर मांग करते थे.
टिकट कटने से थे नाराज: बता दें कि विधानसभा चुनाव में टिकट न मिलने को लेकर नारायण त्रिपाठी नाराज थे. पार्टी ने इस बार कांग्रेस से भाजपा में शामिल हुए श्रीकांत चतुर्वेदी को मैहर विधानसभा क्षेत्र से अपना प्रत्याशी बनाया है. वर्ष 2018 के विधानसभा चुनाव में श्रीकांत चतुर्वेदी कांग्रेस प्रत्याशी रहे, जिन्हें बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी ने पाठखनी देते हुए जीत दर्ज की थी. श्रीकांत चतुर्वेदी ज्योतिरादित्य सिंधिया के खेमे के नेता हैं. जब सिंधिया ने कांग्रेस सरकार गिराई थी, उसके बाद श्रीकांत ने भी बीजेपी के सदस्यता ज्वाइन की थी. बीजेपी ने श्रीकांत चतुर्वेदी को प्रदेश कर समिति सदस्य बनाया. लेकिन अब मैहर की राजनीति में एक नया मोड़ आ चुका है, जहां नारायण त्रिपाठी ने आज भारतीय जनता पार्टी पंचदश सभी पदों से प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया है.
कांग्रेस में जाने की अटकलें: ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि नारायण त्रिपाठी की कांग्रेस के दिग्गज नेताओं से नजदीकियां बढ़ चुकी हैं. कांग्रेस पार्टी से नारायण त्रिपाठी सदस्यता ले सकते हैं, आपको बता दें कि मैहर विधानसभा क्षेत्र नारायण त्रिपाठी के नाम से गढ़ माना जाता है. अब देखना यह होगा कि अगर नारायण त्रिपाठी बीजेपी छोड़ कांग्रेस में शामिल होकर प्रत्याशी बनाए जाते हैं तो श्रीकांत चतुर्वेदी के लिए यह चुनाव वर्ष 2018 के जैसे एक बड़ी चुनौती बनकर सामने आएगे. मैहर के इतिहास में एक बार फिर नारायण त्रिपाठी अपना जलवा 16 अक्टूबर को दिखाने जा रहे हैं. विधायक की माने तो वह आने वाले 16 अक्टूबर को काफिले के साथ सतना पहुंचेंगे. 16 अक्टूबर को ऐसा क्या नया होने वाला है यह तो वक्त ही बताएगा.
नई पार्टी का कर चुके थे एलान: नारायण त्रिपाठी ने नई पार्टी बनाने का एलान किया था. उन्होंने अपनी पार्टी का नाम विंध्य पार्टी रखा. विधायक ने दावा किया किया था कि वे विंध्य की सभी 30 सीटों पर प्रत्याशी मैदान में उतारेंगे और साल 2024 में विंध्य की जनता को नया प्रदेश देंगे. वहीं, अलग विंध्य प्रदेश की मांग को लेकर आंदोलन और सभाएं भी करते रहे. उन्होंने चित्रकूट में सरकार के प्रोजेक्ट को लेकर विरोध किया. जिसके बाद सरकार को उस प्रॉजेक्ट से हाथ खींचना पड़े.
नारायण त्रिपाठी पर दल बदलू के आरोप लगते थे: मैहर में नारायण त्रिपाठी का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है की पार्टी बदलने के बाद भी नारायण इस विधानसभा से जीतते रहे. मैहर से चौथी बार के विधायक नारायण त्रिपाठी पिछले दो चुनाव 2016 उपचुनाव और 2018 चुनाव बीजेपी से जीते. 17 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट से लड़ सकते हैं.
कई बार बदल चुके हैं पार्टी: नारायण त्रिपाठी कई बार पार्टी बदल चुके हैं. उन्होंने अपनी राजनीति समाजवादी पार्टी से शुरू की थी. 2003 का विधानसभा चुनाव उन्होंने सपा के टिकट से लड़ा था. जीत भी मिली थी उसके बाद वो सपा के प्रदेश अध्यक्ष बना दिए गए थे. 2009 में वो कांग्रेस में शामिल हो गए. 2013 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतकर दूसरी बार विधायक बने. 2015 में विधायकी से इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल हुए. उपचुनाव में बीजेपी के टिकट से जीते.