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भड़की आग पौड़ी के जंगलों में

पौड़ी मुख्यालय और आसपास के क्षेत्रों में वनाग्नि की घटनाएं और तेज हो गई हैं। बीते 24 घंटों में मुख्यालय व आस पास के क्षेत्रों में वनाग्नि की पांच घटनाएं हुई। गनीमत है कि आग फिलहाल आरक्षित वनों तक नहीं पहुंच पाई। बीते बृहस्पतिवार से उज्याड़ी, धनक, अमकोटी के जंगल धधक रहे हैं।

शुक्रवार को मुख्यालय में वाल्मीकि मोहल्ले में पशुपालन अस्पताल के समीप चीड़ के जंगल में दोपहर को आग लग गई। जिससे पास के वाल्मीकि मोहल्ले में अफरा तफरी मच गई। देखते ही देखते आग लोनिवि कार्यालय के समीप जिला पंचातय के आवासीय परिसर तक पहुंच गई। सूचना पर पहुंची दमकल विभाग की टीम ने वनाग्नि के विकराल होने से पहले ही उसे नियंत्रित कर लिया।

वहीं दोपहर को ही पालिका क्षेत्र के गडोली के जंगल में भी आग भड़क उठी। जिससे यहां बने फार्म हाउस भी आग की चपेट में आ गया। हालांकि फार्म हाउस खाली था। वन विभाग के कार्मिकों ने समय रहते बुझा लिया। जबकि बीती बृहस्पतिवार देरशाम से उज्याड़ी गांव के जंगल व पौड़ी-श्रीनगर हाईवे पर धनक व अमकोटी गांव के जंगलों में आग लगी रही। हालांकि सुबह होते होते आग स्वत: ही बुझ गई।

पौड़ी के बाल संरक्षण गृह तक पहुंची आग

तल्ली गडोली क्षेत्र के जंगलों में लगी आग बृहस्पतिवार रात को पौड़ी- श्रीनगर हाईवे पर बाल संरक्षण गृह के समीप तक पहुंच गई। सूचना पर पहुंची वन विभाग की टीम ने कड़ी मशक्कत कर आग को बुझाने में कामयाबी पाई। सिविल एवं सोयम रेंजर मनोज रावत ने बताया कि टीम ने समय रहते ही बाल संरक्षण गृह श्रीनगर रोड व तल्ली गडोली के दो आवासीय भवनों में पहुंचने वाली आग को समय रहते ही बुझा लिया। शहर के तिमली बैंड पर डाले जा रहे कूड़े में फिर से आग लगने की भ्रामक सूचना दमकल विभाग को दे रहे हैं। फायर मैन सोनू कुमार ने बताया कि शुक्रवार दोपहर को कूड़े में आग लगने की सूचना मिली। टीम घटना स्थल पर पहुंची तो आग नहीं थी। उन्होंने लोगों को ऐसे मौसम में भ्रामक सूचना न देने की अपील की है।

राजाजी टाइगर रिजर्व के गौहरी रेंज के मणिकूट पर्वत में 30 मई से आग लगी है। लगातार दूसरे दिन शुक्रवार को भी चार रेंजों के कर्मचारी आग पर नियंत्रण नहीं कर पाए। दो दिन से जल रहे मणिकूट पर्वत में कई हेक्टेयर वन संपदा नष्ट हो चुकी है। आग पर नियंत्रण पाने के लिए गौहरी, चीला, हरिद्वार और मोतीचूर रेंज के वन कर्मचारी समाचार लिखे जाने तक जुटे रहे।

भीषण गर्मी के बीच मणिकूट पर्वत पर लगी आग नियंत्रित नहीं हो पा रही है। आग की लपटों से पूरा पार्क क्षेत्र धू-धूकर जल रहा है। गौहरी रेंज में वन कर्मचारी कम होने के कारण हरिद्वार, मोतीचूर और चीला के वन कर्मचारी भी आग बुझाने में लगे हैं। यही नहीं, पार्क की सीमा से सटे गांवों के ग्रामीण भी आग बुझाने का प्रयास कर रहे हैं। भीषण गर्मी के कारण आग पर काबू नहीं हो पा रहा है।

गौहरी रेंज अधिकारी राजेश जोशी ने बताया कि वन कर्मचारी मणिकूट पर्वत पर लगी आग को बुझाने का प्रयास कर रहे हैं। रेंज के बिंध्यवासिनी, गौहरीघाट, कुनांऊ, लक्ष्मणझूला और धमांद में क्रू स्टेशन बने हैं। वन कर्मचारी फायर उपकरण ब्लोवर, फायर रैक, पाठल आदि साथ में लेकर चल रहे हैं। दिन में आग बुझाने में परेशानी हो रही है। शाम ढलते ही वनकर्मी आग बुझाने में तेजी ला रहे हैं। बताया कि लपटों में करीब 25 से 30 हेक्टेयर वन संपदा नष्ट हो चुकी है।

प्रदेश में पिछले 24 घंटे में वनाग्नि के आठ मामले सामने आए। इनमें सर्वाधिक सात मामले मसूरी वन प्रभाग के हैं। वन विभाग के मुताबिक इन मामलों में कुल 5.75 हेक्टेयर जंगल प्रभावित हुआ है। अब तक वनाग्नि के 1175 मामलों में 1605 हेक्टेयर जंगल प्रभावित हो चुका है। 438 वन अपराध दर्ज किए गए हैं। ज्ञात केस 65, अज्ञात केस 373 हैं। नामजद व्यक्तियों की संख्या 92 है। 15 एफआईआर दर्ज की जा चुकी हैं।

मसूरी वन प्रभाग के पांच रेंजों में नौ अलग-अलग स्थानों पर जंगल में आग लग गई। आग इतनी भीषण है कि उसे बुझाने के लिए वन विभाग ने 140 कर्मचारी लगाए हैं। आग से कई हेक्टेअर जंगल राख हो चुका है। आग बुझाने में लगी वन विभाग की टीम को भारी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। मसूरी वन प्रभाग के दो एसडीओ डॉ. उदय गौड़ और दिनेश नौडियाल फील्ड को निगरानी के लिए लगाया गया है।

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