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Sidhi news: राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के स्पेशल मॉनीटर को परोसी गई कच्ची रोटियां

आयोग के स्पेशल मॉनीटर ने जिला अस्पताल की अव्यवस्था देकर किए आश्चर्य व्यक्त

-राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के स्पेशल मॉनीटर को परोसी गई कच्ची रोटियां

निरीक्षण में कूलर, एसी बंद,जमीन पर लेटे मिले मरीज,कैमरे में कैद किए तस्वीर

 

सीधी:- डॉक्टर साहब जब मरीज ही नहीं हैं तो ऑक्सीजन सिलेंडर से ऑक्सीजन की सप्लाई किसके लिए की जा रही है। सिविल सर्जन साहब आप भी मरीजों को वितरित होने वाले भोजन का स्वाद दस दिन तक ग्रहण करें तब पता चले कि यह भोजन मरीज किस हालत में ग्रहण करते होंगे, इससे अच्छा भोजन तो जेल में वितरित होता है। उक्त नाराजगी निरीक्षण में पहुंचे राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के स्पेशल मॉनीटर बालकृष्ण गोयल के द्वारा ब्यक्त की गई,साथ ही सारी अब्यवस्था की तस्वीर लेकर रिपोर्ट तैयार कर आयोग के अध्यक्ष को सौंपने की बात कही गई।
दरअसल इन दिनों जिला अस्पताल के हर कदम पर अब्यवस्था का आलम देखने को मिल रहा है। इस गर्मी के मौसम में मरीजों को न तो ठंडा पानी मिल पा रहा है और नहीं वार्डो में लगे कूलर व एसी चल रहे हैं,जिससे स्वस्थ्य होने की आस लेकर अस्पताल पहुंच रहे मरीजों को और भी समस्या का सामना करना पड़ रहा है।

अस्पताल का पांच घंटे तक किए निरीक्षण-
आयोग के स्पेशल मॉनीटर बालकृष्ण गोयल दो दिन में करीब पांच घंटे से ज्यादा समय तक जिला अस्पताल में रहकर स्थिति का जायजा लिए। गुरुवार की रात करीब ११.३० बजे औचक ही वे निरीक्षण के लिए जिला अस्पताल पहुंच गए। जहां वे रात करीब १.३० बजे तक रुककर गतिविधियों का जायजा लिए, वहीं अगले दिन शुक्रवार को सुबह करीब १०.३० बजे कलेक्ट्रेट में बैठक लेने के बाद दोपहर करीब ११.३० बजे फिर से जिला अस्पताल पहुंच गए, जहां वे करीब चार घंटे रहकर शासन के द्वारा मरीजों के स्वास्थ्य के लिए चलाए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों का अवलोकन किए।

स्पेशल मॉनीटर को परोस दी गई कच्ची रोटियां-
मरीजों को वितरित होने वाले भोजन का स्वाद आयोग के स्पेशल मॉनीटर के द्वारा चखा गया। सिविल सर्जन के कक्ष में बैठकर भोजन की थाली मगवाई गई, जहां वे भोजन किए, इस दौरान उनको परोसी गई थाली में कच्ची रोटियां मिली, जिस पर वे नाराजगी जाहिर करते हुए सिविल सर्जन को दस दिन तक मरीजों का भोजन खुद चखने की सलाह दी गई। उसके उपरांत रसोई घर का निरीक्षण किया गया।

 

बिस्कुट मिला एक्सपायरी,गुढ़ भी खराब-
भोजन का स्वाद चखने के बाद वे सीधा रसोईघर का निरीक्षण करने पहुंच गए, जहां मरीजों को वितरित होने वाला बिस्कुट एक्सपायरी डेट का मिला,साथ ही गुढ़ काला पड़ा था,खाद्यान्न की बोरियो को चूहे कुतर दिए थे, जिससे चावल जमीन पर बिखरा था, इस अब्यवस्था पर भी वे नाराजगी जाहिर किए।

 

कंडम में तब्दील हो गया एक करोड़ का वाहन-
जिला अस्पताल के निरीक्षण से पहले वे मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के कार्यालय में पहुंचे।जहां पहुंचने पर कार्यालय के सामने खड़ी चलित अस्पताल की वैन देखी गई,पूछे जाने पर बताया गया कि यह चलित अस्पताल के लिए वैन की खरीदी की गई थी, जिसमें ऑपरेशन सहित अन्य सुविधाएं उपलब्ध है, किंतु इस वाहन के संचालन में ज्यादा खर्च आ रहा था, वहीं वैन लंबी होने के कारण ग्रामीण अंचलो में यह मुड़ ही नहीं पाती है, जिसके कारण खड़ा करवा दिया गया है। इस वैन की वे तस्वीर खींचकर शासन के रुपए का अनावश्यक ब्यय का आरोप लगाए।

 

अस्पताल से गायब मिला वाटर कूलर-
अस्पताल में पेयजल की ब्यवस्था का भी जायजा लिए, पेयजल आपूर्ति के लिए बनाए गए कक्ष में टोटियां टूटी हुई मिली, जिससे अनावश्यक पानी बह रहा था, साथ ही वाटर कूलर गायब था, जिसके कारण मरीज टंकी का उबलता हुए पानी पी रहे हैं, इसको लेकर भी नाराजगी जाहिर करते हुए स्वास्थ्य अधिकारियों से कहा गया कि क्या आप यह पानी पी सकते हैं, यदि आप नहीं पी सकते तो फिर मरीजों व परिजनों को यह गरम पानी क्यों दिया जा रहा है।

जमीन पर लेटे मिले मरीज व परिजन-
रात में निरीक्षण के दौरान अस्पताल के फर्स पर मेडिकल व सर्जिकल वार्ड में कुछ मरीज व उनके परिजन लेटे हुए पाए गए, जिनसे भी चर्चा की गई, और इनकी तस्वीर भी कैमरे में कैद करवाई गई।

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