टायर का पंचर बनाने वाले सलूशन से नशे का शौक।
टायर का पंचर बनाने वाले सलूशन से नशे का शौक
सलूशन को कपड़े में रखकर नाक से सूंघते हैं, और आ जाते हैं नशे में।
सीधी। जिले भर में इन दिनों बचपन नशे की गिरफ्त में आ रहा है। नशा भी ऐसा जिसके बारे में जानकर लोग चौंक जाते हैं। बच्चों में नशा करने का नया ट्रेंड तेजी से बढ़ रहा है। शहर में कबाड़ बीनने वाले अथवा अन्य कार्यों में लगे बच्चे टायर का पंचर बनाने वाले सलूशन खरीदकर नशे का आदी हो रहे हैं। नशे में धुत्त होकर ये बच्चे अपराध का ककहरा भी सीख रहे हैं। चोरियों में इन बच्चों की सहभागिता तेजी से बढ़ रही है।
जानकारों की माने तो बच्चे सॉल्यूशन सूंघकर नशे में धुत्त हो जाते हैं। नशे के इस नए ट्रेंड में बच्चों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। सूत्रों की माने तो ये बच्चे साइकिल की दुकान या फिर टायर पंचर बनाने की दुकान पर जाकर सॉल्यूशन खरीदते हैं और उसे कपड़े पर डालकर सूंघते हैं। ऐसा करने से उन्हें नशा छा जाता है और वे किसी भी कोने में पड़े रहते हैं। ये बच्चे दिन में कबाड़ बीनने और शाम में नशा करते समय किसी भी समय देखे जा सकते हैं।
अभिभावकों की अनदेखी झोंक रही नशे की गिरफ्त में-
नशे की गिरफ्त में जा रहे बच्चों के पीछे अभिभावकों की अनदेखी सबसे बड़ी वजह मानी जा रही है। नशे के गिरफ्त में आ रहे ज्यादातर बच्चे स्कूल नहीं जा रहे हैं, ऐसा नहीं है कि उनका स्कूलों में नाम नहीं लिखा है, लेकिन नाम लिखाने के बाद भी वह स्कूल नहीं जाते। ज्यादातर बच्चों के माता-पिता मजदूरी करते हैं और बच्चे कबाड़ बीनने का काम करते हैं, रात में यही बच्चे समूह बनाकर घरों व दुकानों में चोरी की घटना को अंजाम देते हैं।
थकान दूर करने, अच्छी नींद के लिए नशा
शहर के मुहल्लों में आसानी से बच्चे कपड़े को नाक से लगाकर सूंघते देखे जा सकते हैं। पूछने पर वे बता भी देते हैं कि सॉल्यूशन सूंख रहा हूं। ऐसा करने से उसे अच्छी नींद आ जाती है और आराम लगता है। कुछ बच्चे ऐसा करते दिखे लेकिन जब उनसे पूछा गया तो वह भाग खड़े हुए।वही शहर के सोनांचल बस स्टैंड मे संचालित दो दुकानदारों का नाम भी बच्चे ने बताया है, जिसकी वीडियो ग्राफी भी की गई हैं।