नई दिल्ली। दिल्ली की वित्त मंत्री आतिशी ने बुनियादी ढांचे के विकास के लिए केंद्र सरकार से 10 हजार करोड़ रुपये की मांग की है। इसके साथ ही उन्होंने दावा किया है कि 2 लाख करोड़ रुपये के आयकर का योगदान देने के बावजूद शहर सरकार को पिछले साल के दौरान कुछ भी हासिल नहीं हुआ है। वित्त मंत्री आतिशी एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहीं थीं। इसी दौरान उन्होंने कहा, कि दिल्ली ने करों के पूल में केंद्रीय जीएसटी के रूप में 25 हजार करोड़ रुपये भी प्रदान किए। दिल्ली वाले हर साल केंद्र सरकार को भारी मात्रा में आयकर के तौर पर एक बड़ी राशि देते हैं।
उन्होंने कहा कि आयकर देने में देश के टॉप 3 शहरों में दिल्ली का नाम भी आता है। उन्होंने बताया कि पिछले वर्ष ही दिल्ली ने 2लाख, 7 करोड़ का आयकर दिया है। यही नहीं सीजीएसटी के तौर पर भी 25 हज़ार करोड़ रुपए दिए गए हैं। इस तरह दिल्ली ने 2लाख, 32हज़ार करोड़ रुपए कर के तौर पर केंद्र को दिया है। इस प्रकार दिल्लीवाले हर साल करोड़ों रुपए केंद्र सरकार देते हैं लेकिन इसके बाद भी केंद्र सरकार दिल्ली को एक रुपया भी नहीं देती है। यह बतलाते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा की केंद्र सरकार मैं यह जानना चाहती हूं कि दिल्लीवालों ने ऐसा क्या गुनाह किया है जो उन्हें उनके हक़ का पैसा भी नहीं दिया जा रहा है?
आतिशी ने अनेक बड़े शहरों का नाम लेते हुए कहा कि केंद्र सरकार मुंबई, भोपाल, पटना और कोलकाता समेत अन्य बड़े शहरों की साफ़-सफ़ाई के लिए तो पैसा दे सकती है, लेकिन दिल्ली नगर निगम को पैसा क्यों नहीं देते हैं? उन्होंने आगे कहा कि हम आपसे कोई भीख नहीं मांग रहे बल्कि दिल्ली के लोगों के द्वारा दिए गए करोड़ों रुपए में से ही हिस्सा मांग रहे हैं। हमने एमसीडी के लिए केवल 10 हज़ार करोड़ रुपए की मांग की है, और यह दिल्ली के लोगों द्वारा दिए गए आयकर का मात्र 5फीसदी हिस्सा ही ठहरता है।