भारत की आबादी 152 करोड़ होगी 2036 में
नई दिल्ली। भारत की जनसंख्या साल 2036 में 152.2 करोड़ तक हो सकती है। इसको लेकर सांख्यिकी एवं कार्यक्रम मंत्रालय ने एक रिपोर्ट जारी की है। इसमें बताया गया है कि सेक्स रेशो 2036 तक प्रति 1000 पुरुषों पर 952 महिलाओं तक पहुंचने की उम्मीद है। 2011 की जनगणना में यह आंकड़ा 943 था। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि जनसंख्या में महिलाओं के प्रतिशत में भी थोड़ा-बहुत सुधार देखने को मिल सकता है। साल 2036 में महिलाओं का प्रतिशत बढक़र 48.8 प्रतिशत होने की उम्मीद है।
2011 में यह 48.5 प्रतिशत था। फर्टिलिटी रेट में गिरावट के चलते 15 साल से कम उम्र के लोगों का रेशो साल 2011 के मुकाबले साल 2036 में घटने का अनुमान है। इस दौरान 60 साल और उससे ज्यादा उम्र की जनसंख्या का रेशो में काफी तेजी से बढ़ेगा। भारत की जनसंख्या 77 साल में दोगुनी हुई यूनाइटेड नेशन्स की हेल्थ एजेंसी यूनाइटेड नेशन्स पॉपुलेशन फंड ने अप्रैल 2024 में एक रिपोर्ट में दावा किया कि भारत की जनसंख्या पिछले 77 सालों में दोगुनी हो चुकी है।
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यह 144.17 करोड़ पहुंच चुकी है। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में 2006-2023 के बीच 23त्न बाल विवाह हुए हैं। साथ ही डिलीवरी के समय होने वाली महिलाओं की मौतों की संख्या में कमी आई है। भारत ने इस साल के शुरुआत में सबसे ज्यादा 142.5 करोड़ आबादी वाले देश चीन को पीछे छोड़ा था। 2011 की जनगणना के मुताबिक, देश की कुल आबादी 121 करोड़ दर्ज की गई थी। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की कुल आबादी का 24 प्रतिशत हिस्सा 0-14 साल के लोगों का है।
15-64 साल की संख्या सबसे ज्यादा 64 प्रतिशत है। दुनिया की आबादी 8 अरब के पार 1 जनवरी 2024 से दुनिया की आबादी 8 अरब को पार कर गई। 1 जनवरी 2023 ये आंकड़ा 7.94 अरब था। अमेरिका के सेंसस ब्यूरो ने एक रिपोर्ट में ये दावा किया। इसके मुताबिक, पिछले 2023 में दुनिया की जनसंख्या में करीब 7.5 करोड़ का इजाफा हुआ। रिपोर्ट के मुताबिक, दुनिया में हर सेकेंड 4.3 लोग जन्म लेते हैं, जबकि 1 सेकेंड में 2 लोगों की मौत होती है। वोटिंग में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी रिपोर्ट के मुताबिक, 15वें आम चुनाव (1999) तक 60 प्रतिशत से भी कम महिला मतदाताओं ने हिस्सा लिया।
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वहीं, उस समय पुरुषों का मतदान प्रतिशत महिलाओं से 8 प्रतिशत प्रतिशत ज्यादा था। हालांकि, इसके 15 साल बाद 2014 में वोटिंग में महिलाओं की भागीदारी बढक़र 65.6 प्रतिशत हो गई। 2019 में यह आंकड़ा बढक़र 67.2 प्रतिशत हो गया। स्टार्ट-अप में भी पुरुषों के बराबर महिलाएं उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग ने जनवरी 2016 में अपनी स्थापना के बाद से दिसंबर 2023 तक कुल 1 लाख 17 हजार 254 स्टार्ट-अप को मान्यता दी। इनमें से 55,816 स्टार्ट-अप महिलाओं द्वारा चलाए जा रहे हैं। यह कुल मान्यता प्राप्त स्टार्ट-अप का 47.6 प्रतिशत है। इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि स्टार्ट-अप में महिलाओं की भागीदारी पुरुषों के बराबर है।