जो इन सीटों पर बैठे हैं इतना कहते ही मचा बवाल सबसे बड़े आतंकी तो वे हैं
अंकारा। तुर्की की संसद में तीखी बहस के बाद सत्तारूढ़ एकेपी पार्टी के सदस्यों और विपक्षी सांसदों के बीच जमकर मारपीट हुई। विवाद का कारण विपक्षी सांसद की ओर से अपने सहयोगी को सदन में बुलाने की मांग था, जो सरकार विरोधी प्रदर्शन के कारण जेल में बंद है लेकिन एक सांसद चुने जाने के बाद भी जेल में बंद हैं। वर्कर्स पार्टी ऑफ तुर्की (टीआईपी) के सदस्य अहमत सिक ने अपने सहयोगी कैन अटाले की रिहाई की मांग की।
संसद में हुई इस मारपीट के वीडियो में दिख रहा है कि सत्ताधारी एकेपी पार्टी के सांसद मुक्का मारने के लिए दौड़ रहे हैं। दर्जनों लोग इस मारपीट में शामिल हो गए। कुछ दूसरों को रोकने की कोशिश कर रहे थे। मारपीट के बाद संसद की सफेद सीढ़ियों पर खून बिखरा दिख रहा है। बता दें जेल में होने के बावजूद अटले को मई 2023 में सांसद चुना गया था।
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संसद ने उनकी सदस्यता रद्द कर दी, लेकिन एक अगस्त को संवैधानिक कोर्ट ने उनके निष्कासन को अमान्य घोषित कर दिया। सत्र के दौरान सिक ने एक तीखा भाषण देते हुए सत्तारूढ़ एकेपी पर आरोप लगाया कि वह अपने विरोधियों को आतंकी बताते हैं। उन्होंने कहा कि हमें आश्चर्य नहीं है कि आप कैन अटाले को आतंकी कहते हैं।
आप हर उस व्यक्ति को आतंकी कहते हैं जो आपका पक्ष नहीं लेता है। सिक ने कहा कि सबसे बड़े आतंकी तो वे हैं जो इन सीटों पर बैठे हैं। उनके इतना कहते ही एकेपी सांसद भड़क गए और उन्होंने आक्रामक प्रतिक्रिया दी। झड़प के बाद डिप्टी पार्लियामेंट स्पीकर ने संसद स्थगित कर दी।
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तीन घंटे से ज्यादा के ब्रेक के बाद सत्र फिर शुरु हुआ। तब इसकी अध्यक्षता संसद अध्यक्ष ने की। संसद ने एक वोट में सिक को एकेपी के खिलाफ उनके बयान के लिए और एकेपी के अलपे ओजलान को सिक पर हमले के लिए फटकार लगाई। मुख्य विपक्षी पार्टी सीएचपी के नेता ओजगुर ओजेल ने कहा कि सांसदों ने महिलाओं को भी मुक्का मारा जो की शर्मनाक है।