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अब राजनैतिक पार्टी बनने में जुटे छात्र नेता हसीना को सत्ता से हटाया….

ढाका। बांग्लादेश में 15 सालों से चल रही शेख हसीना सरकार को हटाने वाले छात्र आंदोलन के नेता अपनी राजनीतिक पार्टी गठित करने वाले हैं। छात्र प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश की दो प्रमुख पार्टियों की जल्द चुनाव कराने की अपील को ठुकरा दिया है। हसीना के खिलाफ छात्र आंदोलन में प्रमुख भूमिका निभाने वाले चार प्रदर्शनकारी नेताओं ने एक इंटरव्यू में बताया है।

छात्र आंदोलन के नेताओं का लक्ष्य पिछले 15 वर्षों की स्थिति को दोबारा आने से रोकना है, जिसमें हसीना ने देश के 17 करोड़ लोगों पर कठोरता से शासन किया था। छात्र आंदोलन के नेता सुधारों को लागू करने के लिए अपनी नई पार्टी बनाने पर विचार कर रहे हैं। जून के आखिर में सरकारी नौकरियों में विवादित कोटा के खिलाफ छात्रों ने आंदोलन शुरू किया था।

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इसमें अधिकांश की उम्र मुश्किल से 20-30 साल के बीच थी। कुछ ही हफ्तों में आंदोलन इतना बड़ा हो गया कि 15 सालों से देश की प्रधानमंत्री शेख हसीना को इस्तीफा देकर भागना पड़ा। आंदोलन को जेन जी या जूमर्स क्रांति कहा गया। यह उस पीढ़ी के लिए कहा जाता है जिनका जन्म 1997 से 2012 के बीच हुआ है।

शेख हसीना के इस्तीफा देकर जाने के बाद मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में एक अंतरिम सरकार का गठन किया गया है, जो देश को चला रही है। आंदोलन के प्रमुख लोगों में शामिल महफूज आलम ने कहा कि छात्र नेता देश में दो पार्टी की व्यवस्था को समाप्त करने के लिए एक राजनीतिक पार्टी बनाने पर चर्चा कर रहे है।

लॉ के छात्र 26 वर्षीय आलम ने बताया कि करीब एक महीने में इस पर फैसला लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि फैसला लेने से पहले नेता आम मतदाताओं से व्यापक रूप से परामर्श करना चाहते हैं। उन्होंने कहा, लोग वास्तव में दोनों राजनीतिक दलों से थक चुके हैं। उन्हें हम पर भरोसा है।

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हसीना के खिलाफ आंदोलन में समन्वयक की भूमिका निभाने वाले तहमीद चौधरी ने कहा कि बहुत अधिक संभावना है कि वे एक राजनीतिक पार्टी बनाएंगे। उन्होंने कहा कि नई पार्टी धर्मनिरपेक्षता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर आधारित होगी। हालांकि, वे अभी इस पर काम कर रहे हैं।

यूनुस की कैबिनेट में शामिल एक प्रमुख छात्र आंदोलन नेता 26 वर्षीय नाहिद इस्लाम ने कहा, आंदोलन की भावना एक नया बांग्लादेश बनाने की थी, जहां कोई फासीवादी या तानाशाह वापस न आ सके। यह सुनिश्चित करने के लिए हमें संरचनात्मक सुधारों की आवश्यकता है, जिसमें निश्चत रूप से कुछ समय लगेगा।

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