हासिल की बड़ी सफलता उर्दू स्कूल ने बाधाओं के बावजूद
बुरहानपुर। देशभर में जब 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं में 65 लाख छात्र असफल रहे हैं और मध्य प्रदेश इस सूची में दूसरा सबसे बड़ा राज्य है, ऐसे में बुरहानपुर की अब्दुल कादिर सिद्दीकी शासकीय उर्दू कन्या हायर सेकेंडरी स्कूल ने एक प्रेरणादायक उदाहरण प्रस्तुत किया है।
यहां, किताबों की कमी, अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति में देरी, और लोकसभा चुनाव के चलते समय से पहले हुई वार्षिक परीक्षा के बावजूद, बुनकर और गरीब परिवारों की बेटियों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है। – बाधाओं के बावजूद उत्कृष्ट परिणाम इस स्कूल के छात्रों को उर्दू विषय की किताबें समय पर नहीं मिल पाईं, और शैक्षणिक सत्र में अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति में देरी हुई। इसके बावजूद, इन छात्राओं ने फोटो कॉपी कराकर नोट्स तैयार किए और अपने दम पर पढ़ाई जारी रखी।
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बोर्ड परीक्षा में भी पर्चों का अनुवाद विशेषज्ञों द्वारा न कराकर गूगल ट्रांसलेट का इस्तेमाल किया गया, जिससे छात्रों को प्रश्न पत्र हल करने में काफी मुश्किलें आईं। इसके बावजूद, कक्षा 10वीं और 12वीं के छात्रों ने 75-90 प्रतिशत अंक हासिल किए हैं। – क्या कहती हैं छात्राएं?
छात्राओं का कहना है कि अगर उन्हें समय पर किताबें मिलतीं, अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति पहले हो जाती, और पर्चों का सही अनुवाद किया गया होता, तो उनका परिणाम और भी बेहतर होता। कक्षा 10वीं का परिणाम 52 प्रतिशत और 12वीं का परिणाम 78 प्रतिशत रहा है। – आवश्यक सुधार की मांग छात्राओं ने सुझाव दिया है कि अगले सत्र में अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति समय पर की जाए, ताकि पाठ्यक्रम समय पर पूरा हो सके।
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उन्होंने यह भी आग्रह किया कि उर्दू विषय की किताबें जल्द से जल्द आवंटित की जाएं और बोर्ड परीक्षा के पर्चे एक्सपर्ट द्वारा तैयार कराए जाएं। अगर इन सुधारों को समय पर लागू किया गया, तो अगली बार के परीक्षा परिणाम और भी बेहतर हो सकते हैं। -निष्कर्ष बुरहानपुर की इस उर्दू स्कूल ने दिखा दिया है कि मुश्किल हालातों के बावजूद, अगर संकल्प और मेहनत हो तो कोई भी बाधा सफलता के रास्ते में रुकावट नहीं बन सकती। यह स्कूल न सिर्फ अपने जिले, बल्कि पूरे प्रदेश के लिए एक प्रेरणा बन गया है।