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सीएम बाल आश्रित सहायता के लिए दर दर भटक रहा विकलांग नहीं हो रही सुनवाई…

सीएम बाल आश्रित सहायता के लिए दर दर भटक रहा विकलांग नहीं हो रही सुनवाई…

सीधी सिंहावल। जहां सरकार के द्वारा तरह-तरह की योजना बनाकर गरीब असहाय लोगों को मदद करने की स्कीम प्रारंभ की जाती है, परंतु विभागीय अधिकारी कर्मचारियों की अनियमितता से लाभार्थी वंचित रह जाते हैं। ऐसा ही एक मामला सामने निकल कर आया है सिंहावल विधानसभा क्षेत्र के बहरी थाना अंतर्गत परसवार गांव निवासी संकट मोचन केवट की पत्नी निर्मला केवट की मौत कोरोना काल के अंतराल 31 अगस्त 2020 को हो गई, संकट मोचन पैरालिसिस बीमारी से पीड़ित होकर जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहा है,जिसका उपचार जिला अस्पताल में चल रहा है, जिसका एक बालक है, किंतु उसे मुख्यमंत्री बाल आश्रित योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है, योजना का लाभ लेने के लिए वह सिहावल महिला बाल विकास विभाग में कई बार आवेदन दे चुका है, साथ ही आंगनवाड़ी कार्यकर्ता एवं उस क्षेत्र के सुपरवाइजर सहित परियोजना अधिकारी के पास कई बार चक्कर लगा चुका है परंतु समस्या का कोई हल निकल कर सामने नहीं आया।

 

इस कार्यालय से उस कार्यालय जाने का उपदेश देकर भटकाया जा रहा है। जहां पर सुनवाई न होने के कारण ज़िला पंचायत में जनसुनवाई के दौरान तीन बार आवेदन भी दिया गया,किंतु आज तक उसकी सुनवाई नहीं हो पा रही है। जब इस विषय पर क्षेत्रीय सुपरवाइजर एवं महिला बाल विकास परियोजना अधिकारी से जानकारी लेने हेतु संपर्क करने का प्रयास किया गया तो मोबाइल नेटवर्क क्षेत्र से बाहर बताया गया।

 

क्या इस मजलूम असहाय व्यक्ति के बेटे को मुख्यमंत्री बाल आश्रित योजना का लाभ मिल पाएगा या फिर इसी तरह दर दर की ठोकरे खाना पड़ेगा। ऐसी स्थिति पर कहां विलुप्त हो जाते हैं राजनीतिक दालों के दलदल नेता जो चुनाव आने के समय वोट मांगने के लिए घर-घर झोली फैलाने जाते हैं क्या ऐसे में न्याय दिलाने के लिए मुंह फेर लेना उचित है उनका।

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