सीधी

अब खेती के काम आ रहा ड्रोन, खाद-दवा छिड़काव के लिए हो रहा इस्तेमाल।

अब खेती के काम आ रहा ड्रोन, खाद-दवा छिड़काव के लिए हो रहा इस्तेमाल

कृषि क्षेत्र में समय-समय पर कई शोध किए गए हैं. साथ ही कृषि में कई टेक्नोलॉजी को भी शामिल की गयी है. इन सभी की मदद से किसानों को कृषि में फसल के उपज से लेकर रखरखाव में काफी मदद मिली है. हाल के समय में कृषि में ड्रोन टेक्नोलॉजी काफी उपयोगी साबित हो रही है…

सीधी सिहावल: सीधी जिला कलेक्टर के आदेश एवं उपसंचालक कृषि विभाग अधिकारी के मनसा अनुसार सियावल कृषि विस्तार अधिकारी तथा कृषि विकासखंड अधिकारी द्वारा किसानों को आधुनिक खेती के तरीके से अवगत करवाना एवं समय-समय पर जानकारी प्रदान करने के लिए कहा गया था जिसके मध्य नजर सिहावल क्षेत्र के ग्राम कादियार निवासी किसान मकसूदन पटेल के खेत पर आज ड्रोन कैमरे के द्वारा दवा का छिड़काव किया गया।

भारत कृषि प्रधान देश है. यहां के दो तिहाई लोग प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्षरूप से कृषि से जुड़े हैं. जिस कारण समय-समय पर कृषि क्षेत्र में कई शोध किए गए हैं. साथ ही कृषि में कई टेक्नोलॉजी को भी शामिल की गयी है. इन सभी की मदद से किसानों को कृषि में फसल के उपज से लेकर रखरखाव में काफी मदद मिली है. हाल के समय में कृषि में ड्रोन टेक्नोलॉजी काफी उपयोगी साबित हो रही है.

 

इस टेक्नोलॉजी की मदद से किसानों को फसलों में दवाई के छिड़काव में मदद मिलती है. ड्रोन काफी महंगा होता है, लेकिन सिहावल क्षेत्र के किसानों को यह काम रेंट पर उपलब्ध हो जा रहा है…

कृषि विस्तार अधिकारी रमेश शुक्ला ने बताया की महंगे ड्रोन के कारण कई किसान इस टेक्नोलॉजी का उपयोग नहीं कर पा रहे थे, लेकिन किसानों को ये सुविधा कम रेट पर समूह के माध्यम से उपलब्ध करा रही है.

पिछले कई साल से अमेरिका में ड्रोन टेकालॉजी के कृषिपर काम कर रहे थे. साल 2019 से वह भारत लौटकर टेक्नो ग्राउंड कंपनी चला रहे हैं. जो ola मॉडल में किसानों को ड्रोन फैसिलिटी को उपलब्ध करवाती है…

कृषि विस्तार विकासखंड अधिकारी गरुण सिहावल ने बताया कि..

एक ड्रोन की कीमत लाख रुपए है. जिस कारण किसान इसे अपने खेतों में इस्तेमाल नहीं कर पा रहे थे. इन्हें कम शुल्क में सेवा देने के उद्देश्य से इस कंपनी की शुरुआत की गई थी. अभी तक हम लोग सिहावल क्षेत्र के कई ग्रामों में ड्रोन की सेवा दे चुके हैं.

श्री गरुण बताते हैं कि इस ड्रोन से दवा या खाद छिड़काव करने के लिए 100 से लेकर 200 रुपए प्रति एकड़ का चार्ज आता है. यह ड्रोन 20 मिनट के अंदर एक एकड़ की भूमि में दवा छिड़काव कर देता है. उन्होंने आगे बताया कि किसी भी किसान को यह ड्रोन बुक करने के लिए केंद्र से संपर्क कर ड्रोन बुक करवा सकते हैं…

इसमें एक से अधिक किसानभी शामिल हो सकते हैं.

वहीं, किसान मकसूदन पटेल ने बताया कि खेती में ड्रोन का प्रयोग एक नए प्रकार की प्रयोग है, जो किसानों को आकर्षित कर रहा है. यह खाद व दवा के छिड़काव के लिए काफी उपयोगी है. इससे समय का भी बचत होता है…

 

इन चीजों की होती बचत

किसान मकसूदन पटेल ने बताया कि पहले तो दवा छिड़काव के लिए मजदूर को ढूंढना पड़ता है जो आज के समय पर नहीं मिलते दूसरा मजदूरों पर दवा का छिड़काव करते समय स्वयं के ऊपर दवा का असर होने का खतरा बना रहता है। एक मजदूर दिन भर में एक या दो एकड़ की भूमि पर ही दवा छिड़काव कर पता है वह भी फसल का नुकसान का खतरा बना होता है फिलहाल ड्रोन से कम समय में और कम लागत में ज्यादा क्षेत्रफल पर दवा का छिड़काव बड़े ही आसानी से हो जाता है फसल का नुकसान भी नहीं होता..

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