मुंबई। बालीवुड की फिल्म परदेस ने हिंदी सिनेमा को महिमा चौधरी के रूप में एक नया सितारा दिया। 1997 में रिलीज हुई सुभाष घई की फिल्म में महिमा ने गंगा का किरदार निभाया, जो भारतीय पवित्रता और संस्कारों का प्रतीक था। महिमा का असली नाम रितु चौधरी था, लेकिन सुभाष घई की फिल्मों में एम शब्द की परंपरा के चलते उन्हें महिमा नाम दिया गया। फिल्म की सफलता ने उन्हें रातों-रात स्टार बना दिया और महिमा को बेस्ट फीमेल डेब्यू के लिए फिल्मफेयर अवॉर्ड भी मिला। महिमा चौधरी ने परदेस के बाद कई हिट फिल्मों में काम किया, जिनमें दाग: द फायर, धड़कन, कुरुक्षेत्र, बागबान, दिल क्या करे, और लज्जा शामिल हैं।
उनके अभिनय ने उन्हें बॉलीवुड में एक अलग पहचान दिलाई। महिमा के पिता उत्तर प्रदेश के बागपत से थे, जबकि उनकी मां दार्जिलिंग की थीं। महिमा ने शाहरुख खान, अजय देवगन जैसे बड़े सितारों के साथ स्क्रीन साझा की और अपने अभिनय से खूब सराहना पाई। हालांकि, 2002 में फिल्म दिल है तुम्हारा की शूटिंग के दौरान एक सड़क हादसे ने उनके करियर पर ब्रेक लगा दिया।
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इस हादसे में उनके चेहरे पर कांच के 67 टुकड़े लगे, जिससे उनकी सर्जरी हुई और वह लंबे समय तक फिल्मों से दूर रहीं। बाद में उन्होंने वापसी की, लेकिन उनका जादू दोबारा नहीं चल पाया। साल 2020 में महिमा को कैंसर होने की खबर मिली, लेकिन उन्होंने इसे मात दी। महिमा को गंगा का किरदार निभाने के लिए सुभाष घई ने 3000 से ज्यादा ऑडिशन लिए थे, लेकिन अंत में महिमा को चुना, जिन्होंने इस भूमिका को अमर कर दिया। मालूम हो कि महिमा की निजी जिंदगी भी उतार-चढ़ाव से भरी रही। लिएंडर पेस के साथ उनका रिश्ता टूटा और बाद में उन्होंने बॉबी मुखर्जी से शादी की, जो 5 साल से ज्यादा नहीं चली। अब वह अपनी बेटी की परवरिश कर रही हैं।