मुम्बई। आजकल जहां टेस्ट क्रिकेट में भी आक्रामक रणनीत अपनायी जा रही है। जिससे अधिकतर मैच पांच दिनों से पहले ही समाप्त हो रहे हैं। वहीं पहले के दौर में ऐसा नहीं था तब कई मैच ड्रॉ होते थे। इसके बाद भीटेस्ट क्रिकेट की कितनी दीवानगी थी उसका अंदाज इसी से लगाया जा सकता है कि साल 1939 में डरबन में इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका के बीच एक ऐसा ही बेहद लंबा टेस्ट मैच खेला गया था। यह मैच 43 घंटे 16 मिनट चला और इसमें कुल 1981 रन बने थे।
साल 1939 में डरबन में ये ऐतिहासिक टेस्ट मैच खेला गया था। तीन मार्च से शुरू हुआ यह मुकाबला 14 मार्च तक चला पर इसके बाद भी ड्रॉ रहा। 12 दिन के इस मैच में दो रेस्ट डे थे और एक दिन खराब मौसम के कारण खेल नहीं हुआ। इस प्रकार नौ दिन हुए खेल में 680.7 ओवर फेंके गये। उस समय 8 गेंद का एक ओवर हुआ करता था. जबकि आज 6 गेंद का ओवर हो रहा है। अभी टेस्ट क्रिकेट की बात करें तो एक मैच में तकरीबन 450 ओवर 2700 गेंद का खेल होता है।
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वहीं जरूरी होने पर अंतिम दिन 8 ओवर बढ़ाए जा सकते हैं। इस प्रकार देखा जाये तो उस टेस्ट में अभी से दोगुने से भी ज्यादा ओवर में फेंके गए थे। इस सबसे लंबे टेस्ट मैच में मेजबान दक्षिण अफ्रीका ने पहली पारी में 530 और दूसरी पारी में 481 रन बनाए थे जबकि इंग्लैंड की टीम पहली पारी में 316 रन ही बना पायी थी। अंतिम पारी में उसे जीत के लिए 696 रन बनाने पर वह 5 विकेट पर 654 ही बना पायी थी। नौवें दिन के बाद ये मैच बिना परिणाम के ही समाप्त हो गया।