सीधी

मुझ पर तो तरस खाओ साहब, 78 की हो गई 8 महीने से निराश्रित पेंशन के लिए भटक रही हूं….

अंधेरगर्दी : जनपद क्षेत्रो में पेंशन राशि के लिए तरस रहे पात्र हितग्राही,काट रहे चक्कर…

मुझ पर तो तरस खाओ साहब, 78 की हो गई 8 महीने से निराश्रित पेंशन के लिए भटक रही हूं….

 

सीधी:- बुढापे का सहारा पेंशन माना जाता है। यही पेंशन अनेक बुजुर्गों के लिए आफत बन गई है। नगर पालिका क्षेत्र हो या जनपद पंचायत क्षेत्र हो ऐसे दर्जनों बुजुर्ग हैं, जो पेंशन राशि के लिए बैंक और अधिकारियों का महीनों से चक्कर काट रहे हैं। पेंशन शाखा के लोग हितग्राही को बैंक में जाकर पता करने कह रहे और इधर बैंक के अधिकारी वापस नगर पालिका व जनपद पंचायत कार्यालयों मे भेज रहे है।

 

ये हैं 78 साल की अम्मां छिगुरी साकेत।ग्राम पंचायत नौगवाधीर सिंह के बसौड़हा में रहती है। पिछले 8 महीने से छिगुरी साकेत का पेंशन नहीं आ रहा। सचिव द्वारा समग्र आईडी मे आयु गलत कर दी गई है। ग्राम पंचायत के सचिव के पास हर दो-ढाई महीने में जानकारी के लिए पहुंचती रही, लेकिन यहां के जिम्मेदार लोगों ने बूढ़ी अम्मा की कोई मदद नहीं की। मंगलवार को कलेक्टर की जनसुनवाई मे बूढी अम्मां फिर से पहुंची।पेंशन शाखा में जानकारी लेने पर पता चला कि अम्मां की समग्र आईडी मे उम्र 46 वर्ष हो गई है।विडंबना है कि बूढी अम्मां पर निराश्रित पेंशन के लिए सचिव को दया तक नहीं आई। 8 महीने से भटकती रही। इसी तरह कई ऐसे केस हैं, जिसमें शारीरिक अक्षमता और जानकारी के अभाव में ऐसे बुजुर्गों को भटकना पड़ता है। नगर पालिका या जनपद पंचायत कार्यालयो को कम से कम ऐसे लोगों की मदद के लिए सद्भावना दिखाने की जरूरत है। इधर नगर पालिका या जनपद पंचायतो का सिस्टम ऐसा ही रहा तो रोज ऐसे बुजुर्गों को भटकना पड़ेगा।

 

सिर्फ चक्कर काट रहे राशि का पता नहीं
नगर पालिका या जनपद पंचायतों में रोजाना दर्जनों ऐसे केस मिल जाएंगे, जिसमें हितग्राही पेंशन राशि के लिए भटक रहे हैं। मंगलवार को को कलेक्टर की जनसुनवाई मे निराश्रित पेंशन के लिए ग्राम पंचायत बैरिहा पश्चिम निवासी राजकली प्रजापति ने बताया कि वृद्धा व निराश्रित पेशन की आस लेकर भटक रही हूं ग्राम पंचायत मे सरपंच व सचिव नहीं सुन रहे हैं,इस आस से आई हूं कि पेंशन शुरू हो जाए।इससे मेरी परेशानी समाप्त हो जाएगी।वही ग्राम पंचायत बेलहा के अकौरी निवासी वृद्ध वद्री प्रसाद शुक्ला वृद्धा पेशन के लिए गोहार लगाने आया था।बताया कि मेरे पास आय का कोई साधन नहीं है,कर्ई बार ग्राम पंचायत के सरपंच व सचिव के पास गुहार लगा चुका हूं लेकिन सुनवाई नहीं हो रही हैं।यदि समस्या का समाधान हो जाएगा तो मेरा भी काम आसान हो जाएगा। न्याय के लिए भटक रहे वृद्धो ने बताया है कि पिछले 5-7 महीने से पेंशन राशि के लिए चक्कर काट रहे हैं। पेंशन शाखा के अधिकारी बैंक में खाता अपडेट कराने बोले यहां पहुंचने पर बैंक के अधिकारी ने खाता पूरी तरह अपडेट होने की जानकारी दी।

 

आधा सैकड़ा के करीब मामले पेंडिंग:-
मिली जानकारी के अनुसार शहरी क्षेत्र या ग्रामीण क्षेत्रो में करीब आधा सैकडा हितग्राहियों के खाते में लंबे समय से पेंशन की राशि नहीं आ रही है। ये सभी मामले पेंडिंग हैं। पेंडेंसी का कारण ई-केवायसी और बैंक आधार सीडिंग नहीं होना व कई मामलों में दो बैंकों का एक में मर्ज होना भी कारण है। संबंधित हितग्राही ग्राम पंचायत या जनपद पंचायत तो पहुंच रहे,लेकिन सही जानकारी नहीं मिलने के कारण भटकना पड़ रहा है। हितग्राही नहीं जानते कि ई- केवायसी और आधार सीडिंग क्या है और कहां ये काम होंगे। ये छोटी जानकारी भी उन्हें बताकर समझा दी जाए तो काफी राहत मिलेगी। वहीं कुछ मामलों में हितग्राही की लापरवाही भी भटकने का कारण है।

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