इंडिगो संकट गहराया: DGCA का कड़ा एक्शन, चार फ्लाइट ऑपरेशन इंस्पेक्टर निलंबित

नई दिल्ली। इंडिगो एयरलाइन में जारी गहरे होते संकट के बीच डीजीसीए ने शुक्रवार को सख्त कदम उठाते हुए एयरलाइन की सुरक्षा और ऑपरेशनल नियमों की निगरानी करने वाले चार फ्लाइट ऑपरेशन इंस्पेक्टर को सस्पेंड कर दिया है। यह कार्रवाई हाल के दिनों में बड़े पैमाने पर हुई फ्लाइट कैंसिलेशन और ऑपरेशनल अव्यवस्थाओं के बाद की गई है।डीजीसीए की चार सदस्यीय कमेटी शुक्रवार को भी इंडिगो के सीईओ पीटर एल्बर्स से मुलाकात करेगी। उनसे 2 दिसंबर से शुरू हुए संकट, फ्लाइट कैंसिलेशन और पायलटों की कमी को लेकर विस्तार से पूछताछ होगी।
लो-कॉस्ट कैरियर मॉडल के जनक कैप्टन आर गोपीनाथ ने इंडिगो संकट पर बड़ा बयान देते हुए कहा कि एयरलाइन संचालकों का घमंड और ओवर कॉन्फिडेंस इस स्थिति की बड़ी वजह है। उन्होंने कहा कि फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (FDTL) नियमों के दूसरे फेज को लागू करने में इंडिगो सही प्लानिंग नहीं कर पाया, जिसके चलते पायलटों की कमी बनी और संकट गहराता गया।गोपीनाथ ने आरोप लगाया कि जब कंपनियां सिर्फ मुनाफे, बॉटम लाइन और स्टॉक मार्केट पर ध्यान देती हैं, तो वे अपने पायलटों और स्टाफ की आवाज़ सुनना बंद कर देती हैं। उनके अनुसार, अगर इंडिगो ने टिकट बेचने से पहले फ्लाइट्स की संख्या कम कर दी होती, तो यह स्थिति नहीं बनती।
उन्होंने यह भी कहा कि डीजीसीए को पूरी तरह स्वतंत्र रेगुलेटर के रूप में काम करना चाहिए, जिसमें किसी भी तरह का राजनीतिक या भाई-भतीजावाद का प्रभाव नहीं होना चाहिए।कैप्टन गोपीनाथ, जो 2003 में भारत की पहली लो-कॉस्ट एयरलाइन एयर डेक्कन लेकर आए थे, ने इंडिगो की मूल कंपनी इंटरग्लोब एविएशन पर आरोप लगाया कि उन्हीं की वजह से एयर डेक्कन कमजोर हुई, जिसके चलते 2008 में उन्हें इसे विजय माल्या को बेचना पड़ा।
उधर, गुरुवार को दिल्ली और बेंगलुरु एयरपोर्ट पर 200 से अधिक फ्लाइट कैंसिल हुईं। सिविल एविएशन मंत्रालय ने इंडिगो को अपने विंटर शेड्यूल में 10% कटौती करने का निर्देश भी दे दिया है।













