हो रही गौशाला में गायों की हालत दयनीय

चारा पानी की कमी से तड़प कर मर रहे गौवंश
गौशाला में गायों की हालत दयनीय, चारा पानी की कमी से तड़प कर मर रहे गौवंश
पशुओं का आहार खा रहे अधिकारी, तड़प-तड़प कर मर रहे गौवंश, सीईओ बने हें अंजान
राजनीतिक सियासत हो और गायों का जिक्र ना हो ऐसा हो ही नहीं सकता। लेकिन चुनाव के बाद से गायों को कोई याद नहीं रखता।
सरकार भले ही गौवंश की रक्षा के लिए मनरेगा योजना के तहत ग्राम पंचायत स्तर में गौशालाएं संचालित हो रही है। लेकिन जिले भर के गांवों में संचालित गौशालाओं में गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है। गौशाला में गौवंश चारा-पानी के अभाव में तड़प-तड़प कर मर रहे हैं। वहीं अधिकारी सरकार द्वारा गौशाला के लिए आवंटित धनराशि का दुरुपयोग कर मलाई खा रहे हैं। जिसके कारण पशुओं को समय पर भूसा-चारा-पानी नहीं मिल पा रहा है। गौरतलब है कि जिले के चितरंगी, देवसर और बैढ़न में गौवंशों की सुरक्षा के लिए गौशालाएं संचालित जरूर गई है।
लेकिन गौशाला की स्थिति इतनी दयनीय है कि परिसर के भीतर ही गोवंश मृत पड़े हैं। वहीं आसपास मृत गौवंश के कंकाल पड़े हुए हैं जो प्रबंधन की विफलता को दर्शाते हैं। चिंता का विषय यह है कि गौशाला में पशुओं का नियमित स्वास्थ्य परीक्षण भी नहीं कराया जा रहा है। जिसके कारण गायों का स्वास्थ्य लगातार गिरता जा रहा है। जिले में बैठे जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही के कारण आए दिन चारा पानी के अभाव में गोवंश तड़प-तड़प कर करने को मजबूर है। सूत्र बताते हैं की गौशाला के नाम पर करोड़ों का भ्रष्टाचार किया जा रहा है।
गौशाला में करोड़ों का भ्रष्टाचार
जिले में गैस संरक्षण के नाम पर करोड़ों रुपए का भ्रष्टाचार किया जा रहा है। गौशालाओं में पल रही गायों की संख्या और रजिस्टर में दर्ज गायों की संख्या में भारी हेरा फेरी की जा रही हैं। सूत्र बताते हैं कि जिले में गौशाला के नाम पर अब तक करोड़ों रूपए का बंदर बांट हो चुका हैं। जिम्मेदार अभी ज्यादा से ज्यादा पशुआहार खाने के फिराक में है नतीजा गोवंश भूखे प्यासें तड़प-तड़प कर मर रहे हैं।