एमपी में जिला पंचायतों के लिए खुला खजाना, सदस्यों की सैलरी में बंपर इजाफा, नक्सली राहत नीति मंजूर।
एमपी में जिला पंचायतों के लिए खुला खजाना, सदस्यों की सैलरी में बंपर इजाफा, नक्सली राहत नीति मंजूर।
भोपाल। मध्यप्रदेश में नक्सली हमले में आम व्यक्ति की मौत होने पर पीड़ित परिवार को 15 लाख रुपए और सुरक्षाकर्मी के शहीद होने पर उसके परिजन को 20 लाख रुपए की आर्थिक मदद दी जाएगी. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में मध्यप्रदेश नक्सली आत्मसमर्पण पुनर्वास सह राहत नीति 2023 को मंजूरी दे दी. कैबिनेट की बैठक में जिला पंचायत और जनपद सदस्यों का मानदेय 3 गुना करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गई.सरकार के प्रवक्ता और चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने बताया कि नक्सली के आत्मसमर्पण को लेकर छत्तीसगढ़, तेलंगाना में पुर्नवास की योजना पहले से थी. इन सभी राज्यों की पॉलिसी को विचार कर मध्यप्रदेश में भी नक्सली के वापस मुख्यधारा में आने के लिए मध्यप्रदेश नक्सली आत्मसमर्पण पुनर्वास सह राहत नीति 2023 तैयार की गई, जिसे आज कैबिनेट ने अपनी मंजूरी दे दी।
क्या होगी मध्य प्रदेश की नक्सली सरेंडर पॉलिसी
इस नीति में तय किया गया है कि यदि कोई नक्सली आत्मसमर्पण करता है तो उसे गृह निर्माण के लिए डेढ लाख रुपए दिया जाएगा. यदि वह हथियार के साथ आत्मसमर्पण करता है तो उसे 10 हजार से 4.50 लाख तक की मदद दी जाएगी.
विवाह हेतु 50 हजार रुपए, तात्कालिक राहत राशि के लिए 5 लाख रुपए या पहले से नक्सली पर घोषित राशि, अचल संपत्ति खरीदने के लिए 20 लाख रुपए और व्यवसायिक प्रशिक्षण के लिए डेढ़ लाख रुपए की राशि दी जाएगी.
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली को आयुमान योजना सहित तमाम योजनाओं का भी लाभ दिया जाएगा.
समर्पण करने वाला नक्सली यदि दूसरे नक्सली का एनकाउंटर कराता है, तो उसे IG और SP की अनुशंसा पर आरक्षक पद पर नियुक्ति दी जाएगी.
नक्सली गतिविधि के कारण आमजन की मृत्यु होने पर पीड़ित परिवार को 15 लाख रुपए, सुरक्षाकर्मी के परिवार को 20 लाख रुपए, शारीरिक अक्षमता होने पर 4 लाख रुपए की राशि दिए जाने का प्रावधान किया गया है.
यदि आमजन की नक्सली हमले में मृत्यु होती है, तो उसके परिजन को तृतीय या चतुर्थ श्रेणी पद पर नौकरी देने का भी प्रावधान किया गया है.
जिला पंचायत और जनपद सदस्यों का मानदेय बढ़ा
कैबिनेट की बैठक में प्रदेश के 52 जिला पंचायतों के 875 जिला पंचायत सदस्य और 8500 जनपद सदस्यों का मानदेय तीन गुना बढ़ाने का भी निर्णय लिया गया. कैबिनेट की बैठक में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई.
इसके तहत जिला पंचायत सदस्यों का मानदेय 4500 रुपए से बढ़ाकर 13500 रुपए किया गया है. इससे कुल 771 जिला पंचायत सदस्यों को लाभ मिलेगा। इस निर्णय से सरकार के खजाने पर 8 करोड रुपए का अतिरिक्त भार आएगा.
इसके अलावा 8500 जनपद के सदस्यों का मानदेय 1500 रुपए से बढ़ाकर 4500 रुपए किया गया है. कुल मिलाकर 31 करोड़ का अतिरिक्त भार सरकार पर आएगा.
राज्य सरकार इसके पहले जिला पंचायत अध्यक्ष, जनपद अध्यक्ष और सरपंचों के मानदेय में बढोत्तरी कर चुकी है.
कैबिनेट में लिए गए अन्य निर्णय
नर्सिंग महाविद्यालय में लगातार पदों को सृजित करने की मांग की जा रही थी. इसको देखते हुए 305 नए पदों को सृजित करने का निर्णय कैबिनेट में लिया गया. अभी तक 28 पद ही थे.
प्रदेश में 7 नए कॉलेज खोलने की स्वीकृति कैबिनेट में दी गई.
यह सतना के कोठी, ग्वालियर के बेहट, जबलपुर के भगराजी, सागर के शाहपुर, पन्ना के खोरा, इंदौर के कंपेल, दतिया के बसई में यह सरकारी कॉलेज खोले जाएंगे.
बसई में कॉलेज खोलने का ऐलान सीएम ने एक दिन पहले ही किया था.