विधायक के कृपा पात्र सरपंच योजनाओं में लगा रहे पलीता।

विधायक के कृपा पात्र सरपंच योजनाओं में लगा रहे पलीता।
नरेगा अधिनियम की उड़ा रहे धज्जियां मशीनों से हो रहे निर्माण कार्य।
रोजगार के लिए पलायन को मजबूर हैं क्षेत्रीय मजदूर।
सीधी मझौली
जनपद क्षेत्र मझौली के कई ग्राम पंचायतों में सरपंच अथवा सरपंच पति क्षेत्रीय विधायक के काफी करीबी या यूं कहें कृपा पात्र बने हुए हैं जो एक तरफ जन कल्याणकारी योजनाओं में तो पलीता लगा ही रहे हैं दूसरी तरफ रोजगार गारंटी अधिनियम की खुलेआम धज्जियां भी उड़ा रहे हैं और जेसीबी मशीनों से कार्य करा कर फर्जी मस्टर रोल के जरिए लाखों की मजदूरी भुगतान करा कर बंदर बांट करते हैं जबकि स्थानीय मजदूर रोजगार के लिए पलायन को मजबूर हैं।
ग्राम पंचायत डांगा बना उदाहरण
उदाहरण के तौर पर जनपद मुख्यालय मझौली के समीपी ग्राम पंचायत डांगा में कई मामले देखे जा सकते हैं क्षेत्रीय ग्रामीणों के मुताबिक एक तरफ महान नदी में जेसीबी मशीन लगाकर मनमानी खुदाई की गई है जिससे नदी का वजूद ही खतरे में दिख रहा है वहीं नदी से उत्खनन की गई रेत मिट्टी को ट्रैक्टर से ढुलाई कर उसी के ऊपर नई सड़क का रूप दिया जा रहा है। लोगों ने बताया की दोनों कार्य रोजगार मूलक हैं जहां सत प्रतिशत मजदूरों से कराया जाना चाहिए लेकिन वहां उसके विपरीत पूरा कार्य जेसीबी मशीन से कराया जा रहा है और फर्जी लोगों के नाम मस्टर रोल भरे जा रहे हैं जबकि क्षेत्रीय मजदूर रोजगार के लिए बाहर पलायन कर रहे हैं।
विधायक के साख को लग रहा बट्टा
ऐसे कार्यों से भले ही सरपंच अनैतिक ढंग से कमाई कर रहे हैं लेकिन क्षेत्रीय ग्रामीणों में इस बात की खास चर्चा हो रही है कि सरपंच विधायक के संरक्षण में इस तरह मनमानी करने को आमादा हैं जबकि विधायक भी जन प्रतिनिधि हैं उन्हें मामले का संज्ञान लेना चाहिए।अगर इसी तरह मनमानी रही तो यही माना जाएगा की विधायक अब ग्रामीणों के बजाय सरपंच के होकर रह गए हैं।
पहले हो जाते हैं निर्माण कार्य फिर शुरू होती है प्रक्रिया
ग्रामीणों की माने तो ग्राम पंचायत डांगा में पहले जमीनी स्तर पर मशीनरी के द्वारा निर्माण कार्य कर दिए जाते हैं इसके बाद निर्माण कार्य की प्रक्रिया पूर्ण की जाती है ताकि निर्माण कार्य के समय किसी प्रकार की कार्यवाही ना हो।
उपरोक्त निर्माण कार्य तो एक बानगी है जब कि ग्राम पंचायत में कई ऐसे निर्माण कार्य नियम विरुद्ध कराए गए हैं जिसमे निष्पक्ष जांच हो तो लाखों की वसूली हो सकती है।
सीईओ और उपन्यत्री के निर्देश को दिखाया जा रहा ठेंगा
ग्राम पंचायत डांगा में मशीनरी से हो रहे निर्माण कार्यों को लेकर पूर्व में सीईओ के द्वारा भी निर्देश दिया गया था कि मशीनरी से निर्माण कार्य न कराए जाएं और पालन प्रतिवेदन के लिए उपयंत्री को निर्देशित किया गया था जिनके द्वारा भी मना किया गया था लेकिन दोनों अधिकारियों के आदेश को सरपंच के द्वारा ठेंगा दिखाया जाता है।
पहले भी जेसीबी मशीन से नदी सफाई के कार्य को जनपद सीईओ के द्वारा रोक लगाई गई थी और मेरे द्वारा भी मना किया गया था। अगर फिर से मशीनरी से कार्य कराया गया है तो जांच कर वरिष्ठ कार्यालय को प्रतिवेदन दिया जाएगा।
इंद्र लाल सिंह उपयंत्री