हो सकती CBI जांच स्वर्ण रेखा प्रोजेक्ट की
पोल खोल ग्वालियर।
मध्य प्रदेश के ग्वालियर शहर में वर्षों पहले शुरू हुआ स्वर्ण रेखा नदी के जीर्णोद्धार का प्रोजेक्ट पूरा होने का नाम नहीं ले रहा है. कई बार इस प्रोजेक्ट को लेकर धांधली और घोटालाबाजी की खबरें भी सामने आती रही है. ऐसे में स्वर्ण रेखा नदी पर लगी एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए खुद उच्च न्यायालय कई बार नगर निगम और उस प्रोजेक्ट से जुड़े अधिकारियों को खरी खोटी सुना चुका है और जमकर फटकार लगा चुका है.
स्वर्ण रेखा प्रोजेक्ट की सीबीआई जांच कराने की कही बात
शुक्रवार को एक बार फिर स्वर्ण रेखा नदी के मामले में हाई कोर्ट की डबल बेंच ने सुनवाई की. इस दौरान डबल बेंच के जस्टिस रोहित आर ने अफसर के रवैया को लेकर नाराजगी जाहिर की. उन्होंने कहा कि जिस तरह का रवैया नगर निगम के अफसर का है. यह मामला आगे सीबीआई को सौंप देंगे. साथ ही इस प्रोजेक्ट से जुड़ी वर्किंग के खिलाफ सीबीआई की जांच करेंगे और पूरा रिकॉर्ड भी चेक करवाया जाएगा. उन्होंने कहा कि नगर निगम के अफसर परीक्षा ले रहे हैं, न्यायालय में झूठ बोल रहे हैं.
न्यायालय ने जतायी नाराजगी, खर्च का मांगा रिकॉर्ड
मामले से जुड़े हाई कोर्ट के वकील अवधेश तोमर ने बताया कि ‘आज उच्च न्यायालय ने स्वर्णरेखा नदी से तब्दील नाले पर सुनवाई करते हुए नगर निगम से यह पूछा है कि पिछले 1 दशक में स्वर्ण रेखा पर कितना खर्च किया गया है, लेकिन निगम के जिम्मेदार अफसर इसका जवाब नहीं दे पाए. हालांकि न्यायालय ने इस मुद्दे पर सुनवाई के लिए सोमवार की तारीख लगा दी है.
हाईकोर्ट ने की टिप्पणी- कागजी घोड़े दौड़ा रहे हैं अफसर
स्वर्ण रेख से गई जुड़े एक ओर मामले में भी उच्च न्यायालय ने सुनवाई की. स्वर्ण रेखा नदी में भरे गंदे पानी के सैंपल लिए गए थे. जिसे नगर निगम के अफसरों ने बरसात का पानी बताया था, लेकिन जब इसका सैंपल चेक कराया गया तो रिपोर्ट में पानी सीवर का निकला. जिसको लेकर भी कोर्ट ने नाराजगी व्यक्त की है. न्यायालय ने कहा कि अधिकारी सिर्फ कागजी घोड़े दौड़ा रहे हैं. जबकि धरातल पर कुछ भी नहीं है. मामले को लेकर उच्च न्यायालय ने यह भी टिप्पणी की है की क्यों ना इस केस की सीबीआई इंक्वारी कर ली जाए. इस टिप्पणी के बाद हाई कोर्ट ने नगर निगम को सोमवार की तारीख दी है. जिसमें ग्वालियर के सीवर प्रोजेक्ट पर खर्च का ब्यौरा देना होगा. साथ ही एक बार फिर सैंपल की जांच होगी और उसकी रिपोर्ट भी कोर्ट में पेश की जाएगी.