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15 लाख के मजदूरी भुगतान में एक भी ग्रामीण को नहीं मिला रोजगार।

15 लाख के मजदूरी भुगतान में एक भी ग्रामीण को नहीं मिला रोजगार।

फर्जी मस्टर रोल के जरिए मशीनरी से जारी है निर्माण कार्य

मामला ग्राम पंचायत क्षेत्र अमहिया का

संजय सिंह मझौली सीधी
जनपद क्षेत्र मझौली अंतर्गत कई ग्राम पंचायतों में रोजगार गारंटी योजना को जिस तरह मखौल उड़ाया जा रहा है जिसके संबंध में ग्राम पंचायत अमहिया के मामला को उदाहरण सहित खबर प्रकाशन किया गया था जिसमें हवाला दिया गया था कि 15 लाख के मजदूरी भुगतान में एक भी जरूरतमंद ग्रामीण को रोजगार नहीं मिला है बावजूद इसके जिम्मेदारों के द्वारा न तो मामले पर जांच करना उचित समझा और ना ही हस्तक्षेप किया गया जबकि निर्माण कार्य मशीनरी के द्वारा बराबर जारी है।बताते चलें कि जरूरतमंद ग्रामीणों को स्थानीय स्तर पर रोजगार उपलब्ध कराने के लिए महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना लागू की गई है लेकिन जनपद क्षेत्र मझौली अंतर्गत उस योजना को जिम्मेदारों के द्वारा जिस तरह मखौल उड़ाया जा रहा है या यूं कहा जाए पलीता लगाया जा रहा है उससे ना तो जरूरतमंदों को रोजगार मिलता है और ना ही कार्यों की उपयोगिता रहती है बल्कि पहुंच विहीन क्षेत्रों में जहां बसाहट नहीं होती है वहां लाखों रुपए के नवीन तालाब मशीनरी से बना कर फर्जी मस्टर रोल के जरिए मजदूरी भुगतान करने एवं बंदर बांट करने का सिलसिला जोरों से चल रहा है जिसका ताजा उदाहरण ग्राम पंचायत अमहिया में देखा जा सकता है उक्त ग्राम पंचायत में नवीन तालाब निर्माण अमहा जिसका कार्य कोड (171500 6054/W C/220120 35176332) है उक्त कार्य के नाम पर लगभग 15 लाख रुपए का मजदूरी भुगतान मस्टर रोल के जरिए किया गया है जबकि मौके से एक भी मजदूर काम करते नहीं पाए गए।इतना ही नहीं निर्माण कार्य अपने आप बयां कर रहा है कि पूरा कार्य जेसीबी मशीन एवं ट्रैक्टर से कराया गया है।वहीं ग्रामीणों ने कहा कि एक भी जरूरतमंद लोगों को रोजगार नहीं दिया जाता है जिस कारण रोजगार के लिए लोग बाहर पलायन कर रहे हैं जबकि पूरा काम मशीनरी से एक-दो दिन में कराकर महीनों फर्जी मस्टर रोल के जरिए मजदूरी भुगतान कराई जाती है जिसकी जांच कार्रवाई होनी चाहिए और जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए ताकि ऐसे रोजगार मूलक योजना को मजाक ना बनाया जा सके।

निर्माण कार्य के उपयोगिता पर भी उठ रहे सवाल
ग्रामीणों ने निर्माण कार्य पर सवाल उठाते हुए कहा कि जिस स्थान में तालाब बन रहा है वह निर्जन एवं जंगल सीमा के पास है जहां पानी के लिए बारहमासी जिंदा नाला बहता रहता है ऐसे में नवीन तालाब की कोई उपयोगिता नहीं दिख रही है फिर भी निर्माण कार्य के लिए तकनीकी स्वीकृति एवं प्रशासकीय स्वीकृति कैसे जारी हो जाती है यह भी बड़ा सवाल है?

दूसरे ग्राम पंचायत क्षेत्र में हो रहा है निर्माण कार्य
ग्रामीणों की माने तो जिस स्थान पर निर्माण कर हो रहा है वह राजस्व सीमा मड़वास ग्राम के अंतर्गत आता है ऐसे में अगर नवीन तालाब निर्माण को विकास की अवधारणा से जोड़ा भी जाए तो मड़वास ग्राम पंचायत के विकास की चिंता ग्राम पंचायत अमहिया को होना और अपने ग्राम पंचायत के बजाय दूसरे ग्राम पंचायत की सीमा में लाखों रुपए के बजट का तालाब निर्माण कराना पूरे तंत्र पर सवालिया निशान खड़ा करता है जिसमें यही कहा जा सकता है कि जिम्मेदार खुद ही रोजगार गारंटी योजना को पलीता लगा रहे हैं जिसका परिणाम इसी तरह देखने को मिलेगा।

इनका कहना
रोजगार गारंटी योजना रोजगार मूलक योजना है जिसमें जरूरतमंदों को रोजगार दिया जाना है जिसके कड़े दिशा निर्देश हैं अगर उनका पालन नहीं किया गया है तो उसकी जांच कराई जाएगी और कार्रवाई होगी।

एस एन द्विवेदी मुख्य कार्यपाल अधिकारी/कार्यक्रम अधिकारी मनरेगा जनपद पंचायत मझौली

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