बरसात शुरू होते ही खुलने लगी निर्माण कार्यों की पोल,पानी की जगह बहने लगीं पुलिया।
बरसात शुरू होते ही खुलने लगी निर्माण कार्यों की पोल,पानी की जगह बहने लगीं पुलिया।
दूसरी बार बह गई लाखों के लागत की पुलिया
सांसद विधायक के करीबी कराए हैं निर्माण कार्य
संजय सिंह मझौली सीधी
जैसे-जैसे बरसात शुरू हो रही है तो घटिया निर्माण कार्यों की पोल खुलने लगी है जिसमें लाखों रुपए की पुल पुलिया पहली बरसात में ही जमीदोज हो रहे हैं जिसके पीछे घटिया निर्माण कार्य व जिम्मेवारों द्वारा स्थल निरीक्षण किए बिना ही तकनीकी स्वीकृत दे देना मुख्य वजह बताई जा रही है। जिसका उदाहरण ठोंगा ग्राम पंचायत के अगरियान टोला के महान नाला में बने पुल के बाद अब यह दूसरा पुल बहने का मामला प्रकाश में आया है।
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक जनपद पंचायत मझौली अंतर्गत ग्राम पंचायत जोबा के बड़वाही देवरी मार्ग में पिछले वर्ष सांसद विधायक के करीबी छोटभइया नेता जो उनके मद से ग्राम पंचायत को राशि जारी करा कर खुद ठेकेदारी किए हैं एवं नेतागिरी के दम पर मनमानी एवं गुणवत्ताहीन निर्माण कार्य करा कर पूरी राशि आहरित कर ली गई है लेकिन पिछले बरसात की शुरुआत में ही यह पुलिया बह गई थी जिसे समाचार पत्रों में प्रकाशन कर प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराया गया था तब जिम्मेवारों द्वारा मिट्टी डालकर उसे छिपाने का प्रयास किया गया था।गनीमत यह रही कि पिछले वर्ष कम बारिश के चलते वह मिट्टी जमी रही लेकिन जब इस वर्ष पहली बरसात हुई तभी पुलिया का ढांचा मात्रा खड़ा रहा बाकी पूरा पटाव बह गया जिससे आने-जाने वाले ग्रामीणों को काफी समस्या का सामना करना पड़ रहा है।
ग्रामीणों की माने तो उक्त सड़क से देवरी होते हुए दियाडोल,मझौली का रास्ता है वही रास्ता जोड़ते हुए जोबा व बड़वाही निकल जाता है।ऐसे में पुलिया ध्वस्त होने से छोटे-छोटे बच्चों को स्कूल जाने में भी काफी परेशानी हो रही है।अब देखना है कि ऐसे घटिया निर्माण कार्य में क्या कार्रवाई होती है और किसको जिम्मेदार बनाया जाता है व उन पर क्या प्रशासनिक कार्यवाही होती है ।
सांसद विधायक के शाख को लगा रहे बट्टा
ग्रामीणों के मुताबिक ऐसे घटिया निर्माण कार्य से जहां लोगों को परेशानी होती ही है वहीं सांसद, विधायक के शाख को भी बट्टा लगता है क्योंकि उन्हीं के नाम पर छोट भैया नेता घटिया निर्माण कार्य करा कर पैसा आहरित कर लेते हैं जबकि निर्माण कार्य के बोर्ड में सांसद मद विधायक मद की राशि दर्ज की जाती है तब उन लोगों के ऊपर भी सवालिया निशान खड़ा होता है?