भर्ती से पहले ही बाहर हो सकते हैं अतिथि शिक्षक।
स्कूल शिक्षा विभाग ने तीन शर्तों के साथ 10 अगस्त तक भर्ती करने के जारी किए निर्देश
भर्ती से पहले ही बाहर हो सकते हैं अतिथि शिक्षक
सीधी:– नया शिक्षण सत्र जून माह से शुरू हो गया है। ऐसे में शिक्षकों की कमी से जूझ रहे स्कूल अतिथि शिक्षकों की भर्ती के लिए शासन के आदेश का बेसब्री से इंतजार कर रहे थे। उधर सालों से अतिथि शिक्षक के रूप में पढ़ा रहे युवा भी राह तक रहे थे, लेकिन शासन के एक आदेश से भर्ती प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही सैकड़ों अतिथि शिक्षकों पर बाहर होने का खतरा मंडराने लगा है। दरसअल स्कूल शिक्षा विभाग ने अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी करने के जो आदेश जारी किए हैं उसके अनुसार विषय और कक्षा में 30 फीसदी रिजल्ट वालों को दोबारा नहीं रखने की शर्त पहले ही तय कर दी गई थी। इसके अलावा दो अन्य शर्ते भी रखी गई हैं। विदित हो कि स्कूल शिक्षा विभाग ने अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया 10 अगस्त तक पूरी करने के निर्देश जारी कर दिए हैं।
शासन ने रखीं दो अन्य शर्तें विभाग में इन दिनों उच्च पद के प्रभार की प्रक्रिया चल रही है। इसमें पूरे प्रदेश में करीब दो से ज्यादा शिक्षक इधर से उधर होंगे। तीसरी वजह यह है कि जब तबादले शुरू होंगे, तब भी ट्रांसफर होकर शिक्षक दूसरे स्कूलों में पदस्थ होंगे। इन दोनों वजह से भी जिले के सैकड़ों अतिथि शिक्षक प्रभावित हो सकते हैं। पहले से ही यह प्रावधान तय हैं कि किसी भी स्कूल में नियमित शिक्षक के पदस्थ होते ही उस पद पर कार्यरत अतिथि शिक्षक अपने आप बाहर हो जाते हैं।
नहीं काटने होंगे स्कूलों के चक्कर
अतिथि शिक्षकों की भर्ती के लिए शिक्षा विभाग ने जो गाइडलाइन तय की है, उसके अनुसार अतिथि शिक्षकों को भर्ती के लिए स्कूलों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। पिछले साल जो भी अतिथि शिक्षक रहे, वे ऑनलाइन जाकर अपनी यूजर आईडी और पासवर्ड का उपयोग कर ज्वॉइनिंग दे सकते हैं। इस ज्वॉइनिंग की प्रति उन्हें 7 अगस्त तक स्कूल प्राचार्य को देनी होगी।
अतिथि शिक्षकों में भी नाराजगी शिक्षा विभाग के आदेश से
जहाँ अतिथि शिक्षकों में हड़कंप है, वहीं आक्रोश भी नजर आने लगा है। अतिथि शिक्षकों का कहना है कि जिनके परीक्षा परिणाम 30 फीसद से कम हैं, उनका सेवाकाल भी देखा जाए। 40 फीसदी से ज्यादा अतिथि शिक्षकों ने तीन या चार महीने ही पढ़ाया है। स्थाई शिक्षकों और अतिथि शिक्षकों के परीक्षा परिणाम की समीक्षा हो। उसके बाद ही कार्रवाई की जाए। इसके साथ ही 30 फीसदी से कम परीक्षा परिणाम वाले अतिथि शिक्षकों को आगामी सत्र में अवसर देना चाहिए। स्थाई शिक्षकों की भाँति उनको विषयवार प्रशिक्षण देना चाहिए।