सड़क पर विरोध प्रदर्शन सड़क के लिए
पोल खोल पोस्ट सिंगरौली
ट्रक एसोसिएशन के अध्यक्ष ने इस वर्ष भी एनएच के बीच केक काटकर मनाया अपना जन्मदिनदशकों से लंबित पड़ा सिंगरौली सीधी राष्ट्रीय राजमार्ग पर लोगों ने कभी धान रोपकर, कभी धरना देकर तो कभी सत्ताधारी नेताओं का विरोध कर अपनी नाराजगी व्यक्त की है, परंतु वर्षों के बाद भी स्थिति जस की तस बनी हुई है।
खस्ताहाल एनएच के इस मुद्दे पर कोई सुध लेने वाला नहीं है। बरसात के दिनों में हालात बद से बतर हो जाते हैं। आलम यह है कि सड़क बनना तो दूर समय पर इसकी पैचिंग भी नहीं होती, सिंगरौली से बरगवां के बीच तो स्थिति और भयावा हो जाती है। परेवानाला के समीप स्थित पुल पर गड्ढे इस कदर बढ़ गए हैं की कभी भी कोई बड़ा हादसा पेश आ सकता है।
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ऐसे में सिंगरौली ट्रक एसोसिएशन के अध्यक्ष और कांग्रेस के जिला परिवहन प्रकोष्ठ अध्यक्ष राजेश सिंह बीते कई वर्षों से नेशनल हाईवे के बीच खड़े होकर केक काट अपना जन्मदिन मनाते हैं। उन्होंने यह बीड़ा उठाया है कि जब तक यह सड़क बनकर सुगम सफर के लिए तैयार नहीं हो जाती तब तक अनर्वत हर साल इनका जन्मदिन ऐसे ही मनेगा।
हालांकि इस अनोखे विरोध प्रदर्शन के बाद भी जिला प्रशासन और एमपीआरडीसी के अधिकारियों पर इसका असर नहीं पड़ता दिख रहा। गुरुवार दोपहर सड़क के बीचो-बीच स्थानीय लोगों के साथ केक काटकर जन्मदिन मनाते हुए राजेश सिंह ने बताया कि यह इस जिले की दुर्दशा है कि भारत को जगमगने वाले उर्जाधानी में अंधेरा छाता जा रहा है।
कनेक्टिविटी नहीं होने के कारण लोग यहां आने से कतराते हैं, बरसात के 3 महीना में हालात बाद से बत्तर हो जाते हैं। बीते एक माह से गोपद पुल की दुर्दशा हुई पड़ी है। जिससे आवागमन बाधित रहता है।
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उन्होंने कहा कि यहां के लोग खतरों के बीच अपनी जिंदगी जीने को बेबस है। इस सड़क के कारण ही हर हफ्ते किसी घर का चिराग बुझ जाता है। उन्होंने केंद्र सरकार पर तंज करते हुए कहा कि जब केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कह दिया है कि यह एनएच मार्ग हमारे जीवन का सबसे फैलियर प्रोजेक्ट है, जिस पर एक किताब लिखी जा सकती है। ऐसे में वह इस किताब को कब लिखेंगे और कब इसका विमोचन होगा, इसका यहां के लोगों को इंतजार रहेगा।
एनएच 39 के निर्माण की मॉनिटरिंग का जिम्मा लिए एमपीआरडीसी के अधिकारियों पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा जब सड़क का पहला ही टेंडर 900 करोड़ का हुआ था और अब तक तकरीबन 17 करोड़ इस सड़क पर खर्च हो चुके हैं फिर भी स्थिति बत्तर बनी हुई है। ऐसे में यह बड़ा सवाल है कि यह पैसा गया कहां। उन्होंने स्थानीय नेताओं में इच्छा शक्ति की कमी को भी इस सड़क के लिए जिम्मेदार ठहराया। राजेश सिंह के इस जन्मदिवस के अवसर पर क्षेत्र के तमाम प्रबुद्ध जन, कांग्रेसी नेता, कार्यकर्ता के साथ आम लोग भी मौजूद रहे।