दलित महिला सरपंच को नहीं दी कुर्सी ग्राम सभा की बैठक में
भोपाल। सतना जिले की एक महिला सरपंच को ग्राम सभा की बैठक में कुर्सी घर से लाने के लिए कहा गया। मामला रामपुर बघेलान जनपद पंचायत की अकौना ग्राम पंचायत का है। सरपंच श्रद्धा सिंह ने पंचायत मंत्री प्रहलाद पटेल को पत्र लिखकर शिकायत की है।
यह भी बताया है कि स्वतंत्रता दिवस पर उन्हें उप सरपंच और सचिव ने ध्वजारोहण भी नहीं करने दिया। उधर, घटना पर कांग्रेस ने सवाल खड़े कर दिए हैं। कांग्रेस ने कहा कि ऐसी घटनाएं मोदी सरकार की दलित विरोधी मानसिकता का सबूत हैं। सरपंच श्रद्धा सिंह के मुताबिक कि 17 अगस्त को ग्राम सभा की बैठक के दौरान कुर्सी मांगी, तो उप सरपंच और सचिव ने इनकार कर दिया। कहा कि अगर कुर्सी चाहिए तो अपने घर से लेकर आओ, नहीं तो जमीन पर बैठ जाओ या खड़े रहो।
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साजिश और अपमान का खुला उदाहरण सरपंच ने मंत्री को लिखे पत्र में यह भी बताया कि स्वतंत्रता दिवस के दिन ध्वजारोहण का कार्यक्रम ग्राम पंचायत में तय था। राज्य सरकार के आदेश के अनुसार, ध्वजारोहण सरपंच को ही करना था।
उन्होंने पंचायत सचिव विजय प्रताप सिंह को भी इस बात की जानकारी दी थी, लेकिन जब वे पंचायत भवन पहुंचीं, तब तक उप सरपंच धर्मेंद्र सिंह बघेल ने ध्वजारोहण कर दिया। सरपंच ने कहा कि यह घटना सिर्फ एक महिला होने के कारण नहीं, बल्कि दलित समाज से होने के कारण जानबूझकर की गई योजना का हिस्सा थी।
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सरपंच ने इसे अपने खिलाफ एक साजिश और अपमान का खुला उदाहरण बताया। दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग कांग्रेस ने एक्स पर लिखा कि सतना में एक दलित महिला सरपंच को ग्राम सभा में बैठने के लिए कुर्सी नहीं दी गई।
कुर्सी मांगने पर कहा गया- कुर्सी घर से लेकर आओ, नहीं तो जमीन पर बैठ जाओ। इससे पहले भी महिला सरपंच को दलित होने की वजह से झंडा फहराने से रोका गया था। ये मामला बेहद गंभीर है, इसमें दोषियों पर कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए।