जमानत याचिका डीजे कोर्ट से खारिज संविदाकार की
पोल खोल पोस्ट सिंगरौली
न्यायालय ने इसे माना गंभीर अपराध, एनसीएल के दो डायरेक्टर्स पर सीबीआई की नजर एनसीएल में स्पेयर पार्ट्स सप्लाई के आरोप में गिरफ्तार बहुचर्चित तथा एनसीएल अधिकारियों के कारखास चहेता संविदाकार रविशंकर सिंह की जमानत याचिका को विशेष न्यायाधीश सीबीआई जबलपुर द्वारा जमानत याचिका को निरस्त कर दिया गया है। वही चर्चाएं हैं कि सीबीआई के राडार में एनसीएल के दो डायरेक्टर्स भी हैं।
गौरतलब है कि नई दिल्ली समेत अन्य स्थानों से सीबीआई की अलग-अलग टीमों ने एनसीएल मुख्यालय सिंगरौली समेत बैढ़न-विंध्यनगर मार्ग के इन्द्रपुरी कॉलोनी ढोटी में छापामार कार्रवाई करते हुये एनसीएल के अधिकारियों एवं संविदाकार के यहां से 3 करोड़ 85 लाख रूपये कैश व कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जप्त किया था।
सीबीआई की इस कार्रवाई में सीएमडी के स्टेनों सूबेदार ओझा, एनसीएल सुरक्षा अधिकारी रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल बीके सिंह, संविदाकार रविशंकर सिंह, जबलपुर में पदस्थ सीबीआई के डीएसपी जॉय जोसेफ दामले, सीबीआई जबलपुर में पदस्थ स्टेनों कमल सिंह, संविदाकार रविशंकर सिंह के सहयोगी दिवेश सिंह को गिरफ्तार करते हुये कई परियोजना के अधिकारियों के साथ-साथ सीबीओ व महाप्रबंधक तकनीकि समेत कई एनसीएल के ओहदेदार अधिकारियों को तलब कर पूछतांछ की गई थी।
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इस दौरान सीबीआई को कई महत्वपूर्ण दस्तावेज हॉथ लगे थे। इधर एनसीएल में स्पेयर पार्ट्स सहित अन्य सामग्री के क्रय में कई सौ करोड़ रूपये का खेला हुआ है। संविदाकार की ओर से अधिवक्ता ने सीबीआई की विशेष न्यायालय जबलपुर में जमानत के लिए याचिका दायर किया था।
किन्तु सीबीआई की विशेष न्यायालय के न्यायाधीश द्वारा उक्त याचिका को निरस्त कर दिया गया है। न्यायालय के द्वारा तर्क दिया है कि उपरोक्त संपूर्ण तथ्यों एवं परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुये आवेदक/ आरोपी रविशंकर सिंह को नियमित जमानत का लाभ दिया जाना उचित प्रतीत नही होता है।
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मार्च महीने से सीबीआई के राडार पर थे अधिकारी
सूत्र बतातें है कि मार्च महीने से ही सीबीआई के एक टीम बैढ़न क्षेत्र में डेरा डालकर एनसीएल के कमीशनखोर अधिकारियों पर नजर लगाए हुये थे और इस दौरान एनसीएल के करीब-करीब सभी परियोजनाओं में पहुंच सीबीआई टीम के सदस्य गुपचुप तरीके से गोपनीय जानकारियां एव ंभ्रष्टाचार तथा कमीशनखोरी कितनी गहराई तक पहुंच गई है। इन तथ्यों को संकलन करने में लगी हुई थी।
सूत्र यह भी बतातें है कि सीबीआई टीम रिश्वत के साथ रंगे हाथ अधिकारियों को जाल में फसाने के लिए लगी हुई थी। उन्हें पहले यह मालूम नही था कि इस खेल में सीबीआई का डीएसपी एवं स्टेनों जबलपुर भी संलिप्त है। धीरे- धीरे सीबीआई टीम को जानकारियां मिलने लगी।
तब डीएसपी को भी लपेटे में लेने के लिए दिल्ली के सीबीआई की टीम ने जाल बिछाना शुरू कर दिया। चर्चाएं हैं कि सीबीआई की टीम का सबसे ज्यादा ध्यान महत्वपूर्ण दस्तावेजों को हासिल करने का लक्ष्य था। सूत्र यह भी बतातें हैं कि सीबीआई टीम को ऐसे कई अहम दस्तावेज मिले हैं। जिसमें एनसीएल के कई अधिकारी जांच के लपेटे में आ सक ते हैं।