सीधी

राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ ने नायब तहसीलदार को सौंपा ज्ञापन।

राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ ने नायब तहसीलदार को सौंपा ज्ञापन

ज्ञापन पत्र में शामिल हैं किसानों मजदूरों के स्थानीय एवं राष्ट्रीय मुद्दे

संजय सिंह मझौली सीधी पोल खोल

राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ जिला सीधी के उपाध्यक्ष द्वारिका प्रसाद बैस के नेतृत्व में एवं ब्लॉक इकाई मझौली के अध्यक्ष रणजीत सिंह तिवारी के संयोजन में तहसील कार्यालय मझौली के सामने पहले सभा की गई तत्पश्चात राष्टपति व भारत सरकार नई दिल्ली एवं राज्यपाल के नाम नायब तहसीलदार मझौली को 23 सूत्रीय ज्ञापन पत्र सौंपा गया है।

पत्र में कहा गया है कि प्रदेश में अतिवृष्टि के कारण विभिन्न स्थानों पर मक्का, तिल, उड़द, मूंग फसलों की भारी क्षति हुई है अतः नुकसानी का आकलन कर कृषि संहिता कंडिका 6–4 के तहत राहत राशि व बीमा लाभ प्रदान किया जाए कृषि उपज मंडी अधिनियम 1972 की धारा 34 के अनुसार किसी भी कृषि उपज मंडी में उस उपज के समर्थन मूल्य से नीचे क्रय विक्रय न किया जाए इसे अधिनियम में दंडनीय अपराध माना गया है जिसका सख्ती से पालन हो। राजस्व में शासकीय गोचर भूमि सीमा चिन्ह चांदे मीनार तथा बंदोबस्त के दौरान नक्शे खसरे बीवन का सुधार नहीं हुआ है यह त्रुटियां राजस्व विभाग के द्वारा की गई है इसे शासकीय त्रुटि मानते हुए तत्काल सुधरा जाए एवं नक्शे का दुरूस्तगीकरण बंदोबस्त से पूर्व के नक्शे से मिलाकर तुरंत सुधार किया जाए। रबी सीजन की शुरुआत बहुत नजदीक आ चुकी है अतः संस्थानों में गोदाम में सभी प्रकार के रासायनिक उर्वरक का पर्याप्त भंडारण किया जाए ताकि किसानों को प्रति एकड़ के दर से खाद बीज प्रदान हो सके।

 

किसानों के सिंचाई विद्युत कनेक्शन के पास एक बल्ब जलाने की छूट दी जाए एवं जले ट्रांसफार्मर को तुरंत बदले जाएं व किसानों को दिन में पूरे वोल्टेज के साथ पर्याप्त बिजली दी जाए। किसानों की घरेलू विद्युत बिलों की मनमानी उगाही रोक कर खपत अनुसार बिजली बिल वसूला जाए। आवारा पशु एवं जंगली जानवरों से होने वाली फसल नुकसानी क्षति पूर्ति के रूप में दिलाया जाए। आवारा पशुओं की व्यवस्था हेतु ग्राम पंचायत बार गौशाला एवं चरवाहे की व्यवस्था कराई जाए। किसानों को कृषि कार्य हेतु डीजल में छूट दी जाए।दिल्ली आंदोलन के समय जिन किसानों के ऊपर मुकदमे लगाए गए थे उन्हें वापस लिया जाए। स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट c2 +50 का लाभ किसानों को दिया जाए। प्रधानमंत्री सम्मान निधि से वंचित किसानों को प्रतिवर्ष नई सूची तैयार कराई जाकर सम्मान निधि का लाभ दिलाया जाए। प्रत्येक ऋणी किसान का 2 लाख रुपए तक का कर्ज अबिलंब माफ कराया जाए।राज्य सरकार के अधीनस्थ सहकारी बैंकों एवं क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों द्वारा किसानों को जारी किसान क्रेडिट कार्ड की शाख सीमा वर्तमान में ढाई गुना बढ़ाई जाए।

 

फसल का सर्वे करने के अधिकारी मौके पर पंचनामी की एक प्रति प्रभावित किसान को भी दें ताकि भविष्य में आवश्यकता पड़ने पर वह अपना दावा वरिष्ठ अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत कर सके। पारिवारिक बंटवारे के अंतर्गत भूमि के हिस्सेदारी में गड़बड़ी करने वाले अधिकारियों के विरुद्ध दंडात्मक कार्यवाही का प्रावधान किया जाए। प्रत्येक राजस्व ग्राम में पशुपालन के लिए चरनोई भूमि आरक्षित किया जाए। जंगल से लगी कृषि भूमि पर जंगली जानवरों से सुरक्षा हेतु फिनिसिंग के लिए किसानों को 80% अनुदान दिया जाए। मध्य प्रदेश के किसानों के बच्चों की शिक्षा प्राथमिक स्तर से लेकर उच्च स्तर तक तथा तकनीकी शिक्षा निशुल्क किया जाए।

खेत सड़क योजना पुनः प्रारंभ किया जाए। 60 वर्ष और उससे अधिक की आयु के किसानों, मजदूरों, शिल्पकार, बढ़ई,चर्मकार, लुहार आदि को प्रतिमाह 4000 रु की सम्मानिधि प्रदान की जाए। जिसे महंगाई के अनुपात से बढ़ाया जाता रहे।घरेलू एवं कामकाजी महिलाओं, विधवाओं,अशक्त और अनाथ को 4000 रु की सम्मान निधि प्रदान की जाए। प्रदेश के किसानों द्वारा अपनी मांगों को लेकर किए गए धरना प्रदर्शन, चक्का जाम आदि के कारण पंजीबद्ध हुए प्रकरणों को अविलंब वापस लिया जाए। ज्ञापन सौंपने वालों में सतानंद बैस,एडवोकेट घनश्याम दीक्षित जिला प्रवक्ता,श्रवण कुमार दीक्षित, महादेव बैस जिला उपाध्यक्ष,अमरदीप बैस, लालभान बैगा,छोटेलाल प्रधान जिला उपाध्यक्ष, लक्ष्मण बैगा, देवीदीन सिंह, तुलसीदास बैगा, दानवेंद्र साहू, विजेंद्र सिंह, केसरी लाल साहू,अवध नरेश बैंस,राम सिंह, अच्छे लाल लोनी,गिरीश साहू, राजभान बैश,अभय राज सिंह, शिव प्रसाद बैगा, कामता बैंस, राजमणि सिंह सहित कई ग्रामीण शामिल रहे।

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