सहायिकाओं के सहारे चल रहे आंगनबाड़ी केंद्र,सिर्फ रजिस्टर में होती है बच्चों की उपस्थिति…
सहायिकाओं के सहारे चल रहे आंगनबाड़ी केंद्र,सिर्फ रजिस्टर में होती है बच्चों की उपस्थिति…
संजय सिंह मझौली पोल खोल
एक तरफ शासन के द्वारा महिलाओं एवं बच्चों के विकास के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन किया जाता है जिसके लिए नियम कायदे भी बनाए गए हैं और समय-समय पर विभाग द्वारा निर्देश भी जारी किया जाता है लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है।
जहां कई आंगनबाड़ी केंद्र सहायिकाओं के सहारे चल रहे हैं उसमें भी बच्चों की उपस्थिति मात्र रजिस्टर में दर्ज की जाती है जबकि मौके पर आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चे नहीं देखे जाते हैं।
ग्रामीणों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक जब महिला बाल विकास परियोजना मझौली अंतर्गत ग्राम जमुना नंबर 02 के आंगनबाड़ी केंद्र क्रमांक 01 जिसे आदर्श आंगनवाड़ी केंद्र का दर्जा दिया गया है उसमें मीडिया टीम द्वारा बुधवार को दौरा किया गया तो उसमें मात्र सहायिका केंद्र में पाई गई जबकि एक भी बच्चे उपस्थित नहीं रहे।इसी तरह आंगनबाड़ी केंद्र क्रमांक 02 में जायजा लेने पर देखा गया कि सहायिका और सात बच्चे मौजूद रहे जबकि कार्यकर्ता अनुपस्थित रही। इतना ही नहीं सहायिका द्वारा बताया गया है कि बच्चों को नियमित भोजन भी नहीं मिलता है आज समूह द्वारा दोपहर का भोजन नहीं दिया गया है। यह तो वांनगी है ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि इसी तरह की स्थिति अन्य आंगनबाड़ी केंद्रों में भी हरदम बनी रहती है।
जिम्मेदारों पर उसे रहे सवाल
आंगनबाड़ी केंद्रों का नियमानुसार संचालन हो जिसके लिए विभाग द्वारा सेक्टर सुपरवाइजर पदस्थ किए गए हैं जिनकी जिम्मेदारी है कि सतत मॉनिटरिंग की जाए लेकिन ऐसी लापरवाही होने पर जिम्मेदारों के ऊपर भी सवाल उठना स्वाभाविक है।
इनका कहना
ग्राम जमुना नंबर 02 के आंगनबाड़ी केंद्र क्रमांक 2 के संबंध में की जा रही मनमानी एवं लापरवाही को लेकर कई बार परियोजना कार्यालय में पत्राचार किया गया है लेकिन सुधार नहीं हो रहा है।
ऊषा रौतिया पर्यवेक्षक
सभी आंगनबाड़ी केंद्रों का नियमानुसार संचालन होना चाहिए अगर कार्यकर्ता द्वारा लापरवाही की जाती है तो कार्यवाही प्रस्तावित की जाएगी।
कुलदीप चौबे परियोजना अधिकारी मझौली