बहरी पर पड़ी नशे की नजर,महज 150 रु. में मिल रहा नशे का इंजेक्शन ‘लुपिस…
बहरी पर पड़ी नशे की नजर,महज 150 रु. में मिल रहा नशे का इंजेक्शन ‘लुपिस…
बस्तियों के घर-घर में बिक रहा सस्ता नशा
सीधी:- नशे का ‘इजेक्शन ‘लुपिस’। कीमत सिर्फ 150 रुपए। डढ़िया इलाके में सड़क की पटरियों के किनारे दर्जनों युवा 10 रुपए की सिरिंज से ‘लुपिस’ को रगों में उतारते मिल जाएंगे। डॉक्टर के पर्चे पर मेडिकल स्टोर पर ही मिलने वाला ‘बुप्रैनोरफिन’ और ‘फेनिरामाइन’ इंजेक्शन उर्फ ‘लुपिस’ यहां बड़ी आसानी से बिक रहा है।पांच दिन तक इस पूरे इलाके में जाकर नशे के कारोबार और नशाखोरी की हकीकत को करीब से जाना। पता चला कि यहां तो घर-घर में ‘लुपिस’ सहित स्मैक,गांजा के अलावा भी कई तरह के नशीले पदार्थ बेखौफ बिक रहे हैं। सड़क के किनारे में झाड़ियों के बीच एक किमी के दायरे में हर जगह इंजेक्शन वॉयल और सिरिंज बिखरी पड़ी हैं। झाड़ियों के आसपास युवक नशा करते मिले। जिनके हाथों में 2-2 एमएल के दो इंजेक्शन वॉयल थे। 5 एमएल की सिरिंज में भरकर खुद या फिर दोस्त की मदद से नसों में इंजेक्ट कर रहे थे।दोस्त बनकर इंजेक्शन का नाम पूछा तो जवाब मिला- ये ‘लुपिस’ है। यहीं बस्ती के किसी भी घर में मिल जाएगा। युवक के बताए पते पर ‘लुपिस’ लेने हम भी पहुंच गए। दोनों इंजेक्शन हमें 150 रुपए में मिल गए। झाड़ियों के बीच में ज्यादातर युवक हाथों में सिरिंज और लुपिस ले जाते नजर आ रहे थे।मेडिसिन कारोबारियों के मुताबिक नशे के लिए उपयोग होने वाले ‘बुझेनोरफिन’ और ‘फेनिरामाइन’ इंजेक्शन भोपाल, बनारस,इलाहाबाद से सप्लाई हो रहे हैं। हमारे पास तो नशा करने वाले केवल सिरिज लेने आते हैं,
हालांकि हम उन्हें वो भी नहीं देते। आप खुद लेकर देख लीजिए।
मुझे ये नशा नहीं मिला तो मैं तो तुमको भी मार दूंगा…
नशा करने वालों ने बताया कि दोनों
इंजेक्शन जो भी कोई एक बार लगा लेता है, उसे इसकी लत एक बार में ही ऐसी लगती है कि वह दोबारा इंजेक्शन लगाने के लिए तड़पने लगता है। इंजेक्शन पाने के लिए वह मारपीट पर भी उतारू हो जाता है। सड़क से गुजरने वाले राहगीरों के आसपास मौजूद नशेड़ियों ने तो यहां तक कह दिया कि मुझे ये नशा नहीं मिला तो मैं तो तुमको भी मार दूंगा। कुछ ही देर में उसने पास में रखी एक छुरी भी निकालकर दिखा दी। नशेड़ी ने दोस्त को समझाइश देते हुए कहा कि मैं तो ठीक हूं, लेकिन तुमको कोई दूसरा मिल गया तो वो कुछ नहीं देखेगा। नशे के लिए हमला करके सब छीन ले जाएगा।
इंजेक्शन बेचने वाले रोज रात को जाकर झाड़ियों मे जलाते हैं खाली पैकेट…
यहां झाड़ियों के बीच आसपास नशा करने वालों के साथ रात में भी समय बिताया। इस दौरान इंजेक्शन बेचने वालों को बस्तियों से निकलकर झाड़ियों के किनारे ही इंजेक्शन के खाली पैकेट जलाते हुए देखा। यहां दो से अधिक स्थानों पर हाथों में छोटी-छोटी बोरियों में इंजेक्शन के पैकेट भरकर लाया जाता है। जिन्हें रात 10 बजे के बाद जलाकर पूरी तरह नष्ट कर दिया जाता है। ताकि कोई भी बस्ती से इंजेक्शन की बिक्री का सुराग न लगा पाए, लेकिन झाड़ियों के बीच बिखरे इंजेक्शन के वॉयल,सिरिंज को देखकर यहां के हालात आसानी से समझे जा सकते हैं।
इनका कहना है:-
बुप्रेनोरफिन’ इंजेक्शन का उपयोग आमतौर पर लोग अफीम के नशे के लिए करते हैं। ‘फेनिरामाइन’ इंजेक्शन का उपयोग करने से व्यक्ति में यूफोरिया (खुद को बड़ा आदमी समझाना) जैसी फिलिंग आने लगती है। इनकी बिक्री केवल डॉक्टर के पर्चे पर मेडिकल स्टोर से हो सकती है।
डॉ. बीएल मिश्रा सेवानिवृत्ति सीएमएचओ