कागजों में जल रहा साझा चूल्हा,नौनिहालो को नहीं मिल रहा भोजन व नाश्ता…
कागजों में जल रहा साझा चूल्हा,नौनिहालो को नहीं मिल रहा भोजन व नाश्ता
जिला मुख्यालय के समीपी ग्राम बटौली का मामला
सीधी:- जिला मुख्यालय से महज मात्र 2 किलोमीटर दूर महिला एवं बाल विकास परियोजना सीधी क्रमांक 1 के सेक्टर जोगीपुर अंतर्गत ग्राम पंचायत बटौली में साझा चूल्हा अंतर्गत 3 वर्ष से 6 वर्ष के बच्चों तथा गर्भवती माताओं के भोजन व नाश्ते में बंदरबाट करने का मामला सामने आया है। गौरतलब हो कि प्रदेश सरकार व केंद्र शासन के संयुक्त कार्यक्रम के तहत समस्त आंगनबाड़ी केंद्रों में 3 बर्ष से 6 वर्ष तक के समस्त बच्चों को सुबह नाश्ता तथा दोपहर भोजन शासन द्वारा निर्धारित मीनू अनुसार एवं मंगलवार को गर्भवती माताओं तथा कुपोषित समस्त बच्चों को प्रतिदिन भोजन दिए जाने का कार्यक्रम निर्धारित किया गया है। यह भोजन नाश्ता देने की जिम्मेदारी ग्राम पंचायत स्तर के स्कूल अंतर्गत मध्यान भोजन संचालित करने वाले समूह को दिए जाने का निर्देश है,लेकिन महिला एवं बाल विकास सीधी के चहेते ग्राम पंचायत पड़ैनिया में मध्यान्ह भोजन संचालित करने वाले समूह को बटौली में भी भोजन एवं नाश्ता दिए जाने का अनुबंध किया गया है।
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा बताया गया कि उपरोक्त समूह अध्यक्ष सचिव के स्थान पर पड़ैनिया गांव के स्थानीय व्यक्ति द्वारा संचालित किया जाता है। सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार उपरोक्त व्यक्ति शिक्षक भी है। जिसके द्वारा अपने लोगों से शामिल कर समूह का संचालन किया जाता है। सूत्र बताते हैं कि अनुबंध से लेकर अब तक कभी भी समूह द्वारा भोजन नाश्ता नहीं दिया गया है लेकिन विभाग में लंबी पहुंच के कारण बराबर प्रतिमाह गेहूं,चावल एवं अन्य सामग्री सहित राशि प्रदान किया जा रहा है,जबकि नियम अनुसार आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के प्रतिवेदन के आधार पर भुगतान किया जाना चाहिए लेकिन कार्यकर्ता के बिना प्रतिवेदन दिए समूह को 50 प्रतिशत कमीशन के आधार पर राशि व खाद्यान्न प्रदान किया जा रहा है।
अभिभावकों ने खोली पोल :-
इस संबंध की जानकारी मिलने पर जब मीडिया द्वारा बटौली ग्राम पंचायत में संचालित साझा चूल्हा की जानकारी ली गई तो चौकाने वाला खुलासा हुआ है। बता दें कि आंगनबाड़ी में दर्ज बच्चे की माता द्वारा बताया गया है कि भोजन वा नाश्ता नहीं दिया जाता है। उपरोक्त के संबंध में प्रभारी परियोजना अधिकारी महिला एवं बाल विकास सीधी द्वारा बताया गया है कि भोजन व नाश्ता बंद व नहीं वितरण होने की सूचना प्राप्त हुई है जिसकी जांच करके वरिष्ठ अधिकारियों को सूचित करके अनुबंध समाप्त करने की कार्यवाही 1 सप्ताह में पूर्ण हो जाएगी। देखना यह है कि जब समूह द्वारा भोजन वा नाश्ता नहीं दिया गया और खाद्यान्न एवं राशि लगातार आहरित किया गया है तो सम्बंधित समूह के खिलाफ रिकवरी का आदेश किया जाएगा या फिर मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा।
क्या कहता हैं समूह संचालन का नियम
मध्यप्रदेश सरकार एवं केंद्र सरकार द्वारा आंगनवाड़ी केंद्रों में आने वाले बच्चों तथा गर्भवती महिलाओं एवं कुपोषितों को पोषण आहार दिए जाने की जिम्मेवारी महिला बाल विकास विभाग को सौंपी गई है, नियम अनुसार उसी ग्राम पंचायत में संचालित समूह को इसके संचालन की जिम्मेवारी दी जानी चाहिए, लेकिन यहां परियोजना अधिकारी द्वारा अपने निजी स्वार्थ को सिद्ध करने के लिए दूसरे ग्राम पंचायत के समूह को साझा चूल्हा कि जिम्मेदारी सौंपी गई है। यहीं वजह है कि इस समूह संचालकों को विभाग के आला अधिकारियों का संरक्षण प्राप्त होने के चलते वह कागजों में पोषण आहार बांट कर जमकर बंदरबाट किया जा रहा है।