सीधी

हार्वेस्टर का रेट तय नहीं होने से किसानों की बढ़ी परेशानी,लुट रहे किसान…

फसल सहेजने में जुटे किसानः हार्वेस्टर का रेट तय नहीं होने से किसानों की बढ़ी परेशानी,लुट रहे किसान

दीपावली के बाद फसल कटाई में आई तेजी,लेट वेरायटी की भी कटाई हुई शुरू…

सीधी:- जिले में दीपावली के बाद अब धान कटाई का काम जोर पकड़ने लगा है। धान के साथ अब हाइब्रिड एचएमटी धान देर से पकने वाली धान की कटाई भी शुरू हो गई है। किसान सुबह से शाम तक खेतों में नजर आने लगे हैं।जिले के गांव में अधिकांश किसान देर से पकने वाले धान स्वर्णा धान की बोवाई करते हैं। वहीं कुछ गांव में जहां सिंचाई के बांध नहर पहुंचती है व स्वयं के सिंचाई का साधन है इसे किसान समय से पहले ही धान की बुवाई पूरी कर लेते हैं। इन फसलों की कटाई अब शुरू हो गई है। वही देर से पकने वाले धान की कटाई भी कुछ गावों में शुरु हो गई है। जिले के ग्रामीण क्षेत्र के समीप सटे गांवो में धान कटाई का काम जोर पकड़ने लगा है। धान कटाई के बाद किसान ट्रैक्टर या अन्य साधन से फसल को खलिहान तक पहुंचाने में जुटे हुए हैं।

 

किसानों ने बताया कि पौधों के अधिक सूखने से कटाई में देरी आती है। धान के पक कर तैयार होने के बाद कटाई करना उपयुक्त है। कृषि अधिकारी के मुताबिक आज की स्थिति में लगभग 30 फीसदी धान की कटाई शुरू हो चुकी है। साथ ही अब लेट वेरायटी की धान कटाई भी शुरू कर रहे है। कुछ क्षेत्र में अभी लेट है। सप्ताह भर के बाद फसल कटाई में किसान व्यस्त हो जाएंगे।

 

दूसरे प्रांत से पहुंचने लगे हार्वेस्टर:-
धान कटाई के लिए कंबाइन हार्वेस्टर पंजाब हरियाणा से पहुंच रहे हैं। इसमें घंटों का काम मिनटों में हो रहा है तो वहीं मजदूरों की भी ज्यादा जरूरत नहीं पड़ रही। किसान सीधे धान को खेत से खलिहान ले जाने के बजाय खरीदी केंद्र में ले जाते हैं। जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ किसानों ने किराए के हार्वेस्टर ले लिया है। इसका प्रयोग स्वयं की खेती के अलावा दूसरों के खेतों में धान कटाई वह मिजाई करते हैं। हालांकि हार्वेस्टर से धान कटाई करने पर पैरा खेत में ही रह जाता है। इससे किसानों को मवेशियों को खिलाने के लिए चारा नहीं मिल पाता। लेकिन इससे समय व पैसों की बचत होती है। दोनों थ्रेसर का प्रयोग कटाई एवं मिंजाई के लिए बढ़ गया है।

 

मजदूरी दर बढ़ने से किसान परेशान
कटाई करने वाले मजदूर के द्वारा प्रत्येक वर्ष मजदूरी बढ़ाई जाने से किसान परेशान हैं। क्षेत्र के किसानों ने बताया कि 200- 250 सौ रुपए मजदूरी चलने के बाद भी समय पर मजदूर नहीं मिल रहे हैं। मजदूर शुरुआत से अपनी फसल की कटाई कर लेते हैं। इसके बाद ही दूसरों के खेतों में मजदूरी करने जाते हैं। वही आने वाले समय में मजदूरी और इजाफा होने की संभावना है।

 

अवारा मवेशियों ने बढ़ाई परेशानी
जिले में कई जगह अभी देरी है। वहां फसल को बचाने में किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। इस बार सरकार द्वारा फसल को बचाने के लिए किसी प्रकार का कोई अभियान नहीं चलाया गया है। ऐसे में मवेशी खुले में फसल को बर्बाद कर रहे है।

Author

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

You cannot copy content of this page