बेटी को न्याय दिलाने की गुहार लेकर परिजनों ने एसपी ऑफिस किया का घेराव।
बेटी को न्याय दिलाने की गुहार लेकर परिजनों ने एसपी ऑफिस किया का घेराव
नाबालिग छात्रा के आत्महत्या का मामला, कार्रवाई पर परिजन उठा रहे सवाल
आरोपियों के घर गिराने व एसआइटी गठित कर जांच कराने की मांग
सीधी। प्रताडऩा से तंग आकर नाबालिग छात्रा द्वारा की गई आत्महत्या का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। छात्रा के परिजन व रिश्तेदार सोमवार को एसपी ऑफिस का घेराव करने पहुंच गए। उनके द्वारा जांच कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए घटना की जांच एसआइटी से कराने और आरोपियों के घरों पर बुलडोजर चलाने की मांग की गई। परिजनों ने एक घंटे से अधिक समय तक एसपी ऑफिस में हंगामा किया। पुलिस अधिकारियों की ओर से मामले की जांच के लिए एसआइटी गठित करने व पूरे मामले में निष्पक्ष जांच कर कार्रवाई के आश्वासन के बाद परिजन शांत हुए।
उल्लेखनीय है कि थाना क्षेत्र की कक्षा 11वी में पढऩे वाली 15 वर्षीय छात्रा ने विगत 9 अक्टूबर को स्कूल से लौटने के बाद घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। छात्रा ने दो पन्ने का सुसाइड नोट भी लिखा था, जिसमें आत्महत्या का कारण प्रताडऩा लेख किया था। सुसाइड नोट एवं परिजनों के बयान के आधार पर पुलिस ने पांच आरोपियों के विरुद्ध अपराध दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
परिजनों का आरोप, नहीं हो रही निष्पक्ष जांच-
न्याय की गुहार लगाने सोमवार को एसपी ऑफिस पहुंचे परिजनों ने आरोप लगाया है कि आरोपी सरहंग, राजनीतिक पहुंच व रसूख वाले हैं, इसलिए मामले की निष्पक्ष जांच नहीं हो रही है। पुलिस अधीक्षक के नाम सौंपे गए ज्ञापन में भी उल्लेख किया है कि पीडि़ता के साथ मारपीट, सामूहिक बलात्कार व प्रताडि़त कर आत्महत्या के लिए मजबूर किया गया है। परिजनों ने पीएम करने वाली मेडिकल टीम पर भी दबाव में आकर निष्पक्ष पीएम नहीं करने का आरोप लगाया है।
पीएम करने वाली टीम पर भी उठा रहे सवाल-
परिजनों ने मृतिका का पीएम करने वाली टीम पर भी सवाल उठाया है। शिकायती आवेदन में उनका आरोप है कि मांग के बाद पीएम के लिए तीन डॉक्टरों की टीम गठित की गई थी, लेकिन पीएम में दो डॉक्टर ही मौजूद रहे। पीएम के पहले तक वीडियोग्राफी की गई, पीएम के दौरान वीडियोग्राफी नहीं की गई। वहीं शरीर व गुप्तांग में चोंटों का भी उल्लेख नहीं किये जाने का आरोप लगाया है।
ये की जा रही मांग-
परिजनों ने पुलिस अधीक्षक के नाम सौंपे गए आवेदन में मांग की गई है कि गलत रिपोर्ट तैयार करने वाले डॉक्टरों के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई की जाए। उपलब्ध वीडियो एवं फोटो के आधार पर सही पोस्टमार्टम रिपोर्ट तैयार कराई जाए तथा पूरे मामले की जांच के लिए एसआइटी का गठन किया जाए। सभी आरोपियों के मोबाइल फोन जब्त कर उसके कॉल डिटेल, चैट, वीडियो, फोटो की जांच कराई जाए। आरोपीगणों का मकान ध्वस्त किया जाए और उन्हें कठोर दंड से दंडित किया जाए। परिजनों ने चेतावनी दी है कि यदि मामले की निष्पक्ष जांच नहीं हुई तो एसपी ऑफिस के समक्ष आमरण अनशन को मजबूर होंगे।
आरोपियों में ये शामिल-
इस मामले में पुलिस ने आरोपी टिंकल सिंह, पंकज पांडेय उर्फ पंकज गौतम, रंजीत सेन, दीपांचल सेन तथा राहुल सेन के विरुद्ध 11 अक्टूबर को बीएनएस की धारा 137(2), 74, 308(2), 107, 61(2), 3(5) तथा पॉक्सो एक्ट के तहत अपराध दर्ज कर सभी आरोपियों को गिरफ्तार करते हुए जेल भेज दिया है।
एसपी ने किया एसआइटी का गठन-
परिजनों की मांग पर पुलिस अधीक्षक डॉ.रविंद्र वर्मा द्वारा पूरे मामले की निष्पक्ष जांच के लिए डीएसपी मुख्यालय गायत्री तिवारी के नेतृत्व मे एसआइटी का गठन किया है। टीम में टीआई कोतवाली अभिषेक उपाध्याय, थाना प्रभारी जमोड़ी विशाल शर्मा, एसआई पूनम सिंह, महिला प्रधान आरक्षक थाना जमोड़ी किरण मिश्रा, आरक्षक थाना जमोड़ी सतेंद्र रजोरिया तथा आरक्षक सायबर सेल प्रदीप मिश्रा शामिल हैं। टीम को निर्देशित किया गया है कि मामले की बारीकी से विवेचना कर प्रकरण का शीघ्र निराकरण किया जाना सुनिश्चित करें।
इनका कहना है:-
पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कार्रवाई की जा रही है। न इसमें रेप की पुष्टि हुई है और न हत्या है। पीएम डॉक्टरों की टीम ने किया है, उसकी वीडियोग्राफी भी कराई गई है। परिजनों द्वारा जो भी आरोप प्रत्यारोप लगाए जा रहे हैं वह बेबुनियाद हैं। मामले मेंं किसी प्रकार का दबाव नहीं है, सभी आरोपियों के विरुद्ध अपराध दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। परिजनों की मांग पर मामले की बारीकी से विवेचना के लिए एसआइटी का भी गठन कर दिया है।
डॉ.रविंद्र वर्मा, पुलिस अधीक्षक सीधी