देखी सुनी:- लंच के बाद अफसर गायब…
देखी सुनी:- लंच के बाद अफसर गायब…
सीधी के सरकारी दफ्तरों में लंच तक तो अफसर रहते हैं लेकिन उसके बाद ऐसे गायब होते हैं कि पता ही नहीं चलता कहां चले गए। घर जाकर आराम से लंच करते हैं, उसके बाद अच्छी झपकी लेते हैं और उसके बाद लेन-देन की जो फाइलें रहती हैं वो निपटाने के लिए घर पर ही रहते हैं।
दोपहर 2 बजे के बाद कई अफसरों के बंगलों के बाहर दलाल दिखाई देंगे। अफसरों के साथ दिक्कत यह है कि वो लंच के बाद दफ्तर जाना गुनाह समझते हैं। आधे समय तो मीटिंग के नाम पर गायब रहते हैं। लंच के बाद कई अफसर फोन भी नहीं उठाते। यदि फोन उठाएंगे भी तो यह कह देंगे कि अभी मीटिंग में व्यस्त हैं।
अधिकांश अफसर दलालों को घर पर बुलाते हैं और वहीं लेन-देन करके फाइल निपटा देते हैं। बड़े अफसरों के फोन उठा लेते हैं और यदि वो दफ्तर बुलाते हैं जो जरूर थोड़ी देर के लिए चले जाते हैं। अफसरों को ढूंढना आम नागरिकों का तो संभव ही नहीं है। जो नंबर सेव नहीं रहते, उनका तो मोबाइल उठता ही नहीं है। यदि दोपहर 2 बजे आप किसी अफसर को फोन लगाते हैं और अफसर यदि फोन उठाने के बजाय बाद में लगाने का मैसेज करते हैं तो आप पक्का समझिये के अफसर घर पर ही हैं।
कई ऐसे डिपार्टमेंट हैं जहां सुबह एक-दो घंटे के लिए अफसर आते हैं और उसके बाद तो दूसरे दिन ही प्रकट होते हैं। कोई दो-चार अफसर ही होंगे जो पूरे समय दफ्तर में रहते हैं। नगर पालिका, कलेक्ट्रेट,जिला पंचायत, जनपद पंचायत, आरईएस,बिजली विभाग, पीआईयू सहित तमाम दफ्तरों के यही हाल हैं। खैर,अफसर तो ऐसा ही करते रहेंगे क्योंकि जनता में विरोध करने की ताकत नहीं बची।
यदि किसी आम आदमी का किसी सरकारी दफ्तर में कोई काम फंस गया तो उसको चक्कर लगाते-लगाते चप्पल घिसने के अलावा कोई नतीजा नहीं मिलेगा।