भोजन की तलाश में बस्तियों की ओर वन्य जीव…
भोजन की तलाश में बस्तियों की ओर वन्य जीव…
कम हो रहे जंगलों से छिन रहा जंगली जीवों का घर,शहरों, ग्रामीण क्षेत्रों में आने से हो रही दुर्घटनाएं…
सीधी:- मानव के लगातार जंगल में बढते घुसपैठ, हस्ताक्षेप और अंधाधुध कटाई के चलते जंगली जीवों का रूख और नये आसरा की तलाश में गांव और शहर की तरफ होता जा रहा है। जिससे स्थानीय लोगों को खतरा तो होता ही है, साथ ही जंगली जीव से बचाव के लिए उस पर किये हमले से जंगली जीव को भी नुकसान पहुंचता है। रोजाना ही जंगली जीव, जानवरों के ग्राम और शहरों आने की घटनायें बढ़ती जा रही है।
सांप, गोह से डर:-
नगर के रहवासी इलाकों में जब तब वन्यप्राणी के रुप में जंगली छिपकली, गोह, अजगर सहित अन्य प्रजातियों के निकलने से लोगों में जहां भय का माहौल बन जाता है वहीं बचाव के कारण लोग इन्हे मार भी देते हैं।आए दिन घरो मे एक छिपकली प्रजाति की गोह के निकलने से आसपास हड़कंप मच गया था, पास में ही सड़क किनारे पड़े पुराने कटे पेड़ की खोखली जगह में छुप गई जिसे कुछ शरारती तत्वों ने पेड़ में आग लगा दी थी वही पिछले वर्ष कुसमी क्षेत्र तेंदुए की आमद से ग्रामीणों में डर बढ़ गया था इसके अलावा जंगल से लगी ग्राम पंचायतों में जब-तब रीछ, बंदर, सियार, हिरन, नीलगाय को देखा जा सकता है।
जंगली शूकरों का आतंक
जंगल की अंधाधुंध कटाई के चलते जंगली जानवरों को भोजन की तलाश में गांवों और खेतों की तरफ बढ़ते जा रहे है। जिसमें जंगली शूकरों का आतंक सबसे ज्यादा है। समीपस्थ ग्रामो सहित राजमार्ग एवं अन्य ग्रामों में शूकरों के आतंक के कारण कई किसानों की फसल चैपट हो चुकी है। वही कुछ लोगों पर सुअरों के हमले से लोग भी गंभीर रूप से घायल भी हो चुके है।
किसानों को होता है नुकसान
वन्य जीवों की गांवों शहर और खेतों की तरफ बढने से सबसे ज्यादा नुकसान किसानों को उठाना पडता है। इन जीवों के झुंड जहां फसलों को चट कर स्वाहा कर देते हैं। वहीं उनकी रोकथाम के लिए किए गए किसानों के अस्थायी तरीके कई बार हादसों का कारण भी बनते हैं। जानकार बताते है कि जंगलों की अंधाधुध कटाई और भोजन की तलाश इन जंगली जीवों को खेतों की फसल आकर्षित करती है। वही बंदरों के झुंडों का उत्पात और होने वाले नुकसान रहवासियों को उठाना पड़ता है।