पढ़ाना-लिखाना छोड़कर ‘अपार’ में उलझे शिक्षक,रिजल्ट पर असर पड़ सकता है,आधार और समग्र आईडी में असमानता बनी मुसीबत…

पढ़ाना-लिखाना छोड़कर ‘अपार’ में उलझे शिक्षक,रिजल्ट पर असर पड़ सकता है,आधार और समग्र आईडी में असमानता बनी मुसीबत…
सीधी:- बीते दो महीने से सीधी ही नहीं,बल्कि पूरे प्रदेश के शिक्षक अपार आईडी में उलझे हैं। वन नेशन वन स्टूडेंट आईडी के उद्देश्य को लेकर पार आईडी बनवाई जा रही है।अब पढ़ाना-लिखाना छोड़कर शिक्षकों द्वारा छात्रों के आधार कार्ड और समग्र आइडी की डिटेल खंगाली जा रही है, ताकि वो शासन को रिपोर्ट भेज सकें और अपार आईडी यानी ऑटोमेटिक परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री तैयार हो सके। यह काम जितना आसान समझा जा रहा था, उतना ही उलझता जा रहा है। सबसे बड़ी बात यह है कि आधार और समग्र आईडी के काम में शिक्षक पूर्व में शामिल नहीं थे, लिहाजा उन्हें आँकड़े एकत्र करने में दिक्कत हो रही है। जानकारी के मुताबिक आईडी का काम पंचायत वालों ने किया था और आधार कार्ड के लिए निजी एजेंट रखे गए थे। कहा जा रहा है कि बिना रिकॉर्ड दुरुस्त किए ही आधार कार्ड और समग्र आईडी बना दी गई है, दोनों का मिलान तक नहीं किया गया। यही वजह है कि अब शिक्षकों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। अपार आईडी का निर्माण कराना उनके लिए मुश्किल होता जा रहा है, फिर भी शिक्षक सरकारी आदेश को पूरा करने में पढ़ाना-लिखाना छोड़ जी-तोड़ परिश्रम कर रहे हैं।
इन जानकारियों के साथ तैयार होगी आईडी
जानकारी के मुताबिक अपार आईडी में छात्र की पूरी पढ़ाई-लिखाई का ब्योरा होगा। आईडी कार्ड पर छात्रों के लिंग, जन्मतिथि, पैरेंट्स का पता और फोटो होगी। मार्कशीट, सर्टिफिकेट, डिग्री-डिप्लोमा प्रमाण-पत्र, कैरेक्टर सर्टिफिकेट, स्कूल ट्रांसफर सर्टिफिकेट सहित अन्य दस्तावेज की जानकारी भी रहेगी।
स्कूल के बजाय कार्यालय में पोस्टिंग
शिक्षा विभाग में ऊँची सेटिंग है तो फिर कोई कहीं पर भी पोस्टिंग करवा सकता है। चौंकाने वाली जानकारी के मुताबिक कुछ ऐसे भी शिक्षक हैं, जिन्होंने आराम की नौकरी करने के लिए खुद को कार्यालय में सेट करवा लिया है। वहीं दूसरी तरफ ईमानदार शिक्षक चौतरफा बोझ झेलकर बच्चों का भविष्य सँवारने में जुटे हैं।