पीजी कंपनियों की दवाओं की नहीं हो रही जांच,छिंदवाड़ा की घटना के बाद नहीं जागा प्रशासन, नहीं लिए जा रहे सैंपल,दुकानों का निरीक्षण तक भी नहीं…

पीजी कंपनियों की दवाओं की नहीं हो रही जांच,छिंदवाड़ा की घटना के बाद नहीं जागा प्रशासन, नहीं लिए जा रहे सैंपल,दुकानों का निरीक्षण तक भी नहीं…
पोल खोल सीधी:-
छिंदवाड़ा में हुई 12 बच्चों की मौत के बाद सीधी प्रशासन नहीं जागा है। यहां अभी तक पीजी कंपनियों की दवाओं और सिरप की जांच तक नहीं की जा रही है। सीधी के दवा मार्केट में भी प्रोपेगंडा कंपनियों की दवाओं की भरमार है। इसके बावजूद यहां दवाओं के सेंपल अभी तक नहीं लिए गए है। विभाग के द्वारा मेडिकल एसोसिएशन की एक बैठक तक आयोजित करने की जरूर नहीं समझी गई है और कफ सिरप के लिए एडवायजारी तक जारी नहीं की गई वही पीजी कंपनियों की दवाओं के सेंपल जांच और दुकानों का निरीक्षण तक उचित नहीं समझा जा रहा है।जानकारी के मुताबिक छिदवाड़ा में 12 बच्चों की मौत के बाद कोल्ड्रिफ सिरप में हानिकारक हायएथिलीन ग्लायकॉल केमिकल मिला है। जिसके बाद अब कोल्ड्रिफ सिरप के विक्रय पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। यह सिरप जबलपुर से विक्रय के लिए तीन विक्रेताओं के पास पहुंचा था।सीधी जिले में भी प्रोपेगंडा कंपनियों के प्रोडक्ट टैबलेट सिरप इंजेक्शन का विक्रय किया जा रहा है। मेडिकल दुकानों के अलावा चिकित्सकों को सेंपल में पहुंचने वाली पीजी कंपनियों की दवाओं की सीधी दवा मार्केट में भरमार है।ऐसी पीजी कंपनियों की दवाओं के सेंपल नहीं किए जा रहे हैं। जिससे उनकी गुणवत्ता की जांच नहीं हो रही है।छिंदवाड़ा की घटना के बाद भी प्रशासन के द्वारा पीजी कंपनियों की दवाओं की सेंपलिंग नहीं की जा रही है।
स्वास्थ्य विभाग ने एडवायजरी तक जारी नहीं किया
छिंदवाड़ा जिले में संदिग्ध कोल्ड एण्ड कफ सिरप के सेवन से बच्चों की मौत के मामले को गंभीरता से लेते हुए अन्य जिलो मे एडवायजरी जारी हो चुकी है लेकिन सीधी जिले के स्वास्थ्य विभाग ने आज दिन तक एडवायजरी जारी करना उचित नहीं समझ पाया है यहां तक की मेडिकल एशोसिएशन की बैठक तक आयोजित नहीं की गई।अन्य जिलो के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जारी एडवायजरी मे बताया कि 5 साल से कम उम्र के बच्चों को कोल्ड एण्ड कफ सिरप या अन्य ऐसी दवाओं से दूर रहने की सलाह दी है,जबकि 2 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए तो इसे पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है।विशेषज्ञों का कहना है कि बिना डॉक्टर की सलाह के ऐसी दवाओं का इस्तेमाल घातक साबित हो सकता है।अन्य जिलो मे केमिस्ट एण्ड ड्रगिस्ट एसोसिएशन को निर्देशित किया गया है कि किसी भी सर्दी, खांसी वाले बच्चों को बिना रजिस्टर्ड मेडिकल प्रेक्टिश्नर के प्रिस्क्रिपश्न के बिना दवा नहीं देना है। यह भी सुनिश्चित करें कि दवा दुकान जिस फार्मासिस्ट के नाम से है उनका लायसेंस एवं आधार कार्ड की फोटोकॉपी नाम एवं मोबाइल नम्बर दुकान के सामने काउंटर पर प्रदर्शित की जाए एवं फार्मासिस्ट दुकान में स्वयं उपस्थित रहें। बच्चों को सर्दी खासी होने पर पर्याप्त आराम दें, हाइड्रेटेड रखें (पानी, फलों का रस दें) और कमरे को नम रखें। स्टीम लेना या गर्म पानी से स्रान कराना फायदेमंद हो सकता है। बच्चे को सर्दी खांसी होने पर तुरंत किसी रजिस्टर्ड मेडिकल प्रेक्टिश्नर के पास ले जाकर उनके द्वारा दिये गये निर्देशों के अनुसार इलाज सुनिश्चित करें।
बिना फार्मासिस्ट के मरीजों को दी जा रही दवाएं
ड्रग एंड कॉस्मेटिक एक्ट के नियमों के अनुसार बिना फार्मासिस्ट के दुकान का संचालन किसी भी प्रकार से नहीं किया जा सकता है।सीधी शहर में मेडिकल दुकानों की जांच तक नही हो रही है।यहां जिले में ऐसी मेडिकल दुकानें संचालित है,जहां फार्मासिस्ट दुकान पर नहीं बैठते हैं,उनकी डिग्री से दुकानदार ने रजिस्ट्रेशन ले लिया है। ऐसी स्थिति में मरीजों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है। सीधी में ड्रग इंस्पेक्टर के द्वारा दुकानों की जांच तक नियमित नहीं की जा रही है।













