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आदिवासियों को गुमराह कर डॉक्टरी कर रहा झोला छाप डॉक्टर…

आदिवासियों को गुमराह कर डॉक्टरी कर रहा झोला छाप डॉक्टर…

महज शो पीस बन कर रह गया उप स्वास्थ्य केंद्र चमराडोल…

संजय सिंह मझौली
मानव स्वास्थ्य के लिए उपचार जरूरी है लेकिन उपचार कौन कर सकता है इसके लिए भी गाइडलाइन तय की गई है जिसमें निर्धारित है कि वही व्यक्ति उपचार कर सकता है जो डॉक्टरी का कोर्स पूरा कर डिग्री हाशिल किया हो।अगर बिना योग्यता के कोई भी व्यक्ति उपचार करता है तो उसका कृत्य अपराधिक माना जाता है।लेकिन इन दिनों मझौली क्षेत्र में ऐसे लोग डॉक्टर बनकर घूम रहे हैं और क्लीनिक संचालित किए हैं जिनके पास ना तो डिग्री है और ना ही निर्धारित योग्यता।हद तो तब हो जाती है जब प्रदेश के बाहर से आकर लोग प्रदेश में आकर झूठी डॉक्टरी करते हैं इतना ही नहीं खुद को बड़ा डॉक्टर बता कर ग्रामीणों को गुमराह भी कर रहे हैं और उपचार के नाम पर लूट भी कर रहे हैं।


कुछ इसी तरह का मामला उप स्वास्थ्य केंद्र चमराडोल के सामने ठीक 100 मीटर की दूरी पर बंगाल का एक व्यक्ति आकर खुलेआम ग्रामीणों की अंग्रेजी दवाइयां से उपचार करता है और अपने को बड़ा डॉक्टर बताकर भोले भाले ग्रामीणों को गुमराह भी करता है।
बताते चलें कि ग्राम चमराडोल, बोदारी टोला,सेमारिहा जहां 90% आबादी आदिवासी वर्ग की है उसमें भी खासकर बैगा जनजाति की है जिनकी आर्थिक स्थिति काफी खराब है और उनके स्वास्थ्य के लिए कागजों में उप स्वास्थ्य केंद्र चमराडोल संचालित है जहां कर्मचारी भी तैनात है लेकिन कागजों में केंद्र संचालित है और कागजों में ही कर्मचारी सेवा दे रहे हैं जबकि 100 मीटर की दूरी पर बंगाली डॉक्टर खुलेआम डॉक्टरी कर रहा है।ग्रामीणों की माने तो उक्त व्यक्ति के द्वारा लगभग डेढ़ दशक से क्लीनिक व मेडिकल स्टोर  संचालित की जा रही है ऐसे में स्थानीय प्रशासन की निगाह क्यों नहीं पड़ी अथवा उनके सूचना तंत्र की विफलता माना जाए। चाहे जो हो लेकिन गरीब आदिवासी परिवारों के लिए सबसे जरूरी है उप स्वास्थ्य केंद्र चमराडोल का नियमित संचालित होना अगर ऐसा हो जाए तो इन्हें प्राथमिक उपचार के लिए भटकना नहीं पड़ेगा।

कैंसर रोगियों का भी लेता है ठेका
सूत्रों की माने तो उपरोक्त बंगाली डॉक्टर सबसे गंभीर मर्ज कैंसर के उपचार का भी ठेका लेता है क्योंकि उसने अपने क्लीनिक के सामने डॉ पंकज सिंह एमबीबीएस,एमएस (गोल्ड मेडलिस्ट) डीएनबी (सर्जिकल अकोंलाजी) कैंसर रोग रोग विशेषज्ञ का पोस्टर चश्पा किया  है और उसी के आधार पर कैंसर रोगियों का भी उपचार कराता है और वह कहां उपचार कराता है यह मरीज खुद नहीं जान पाते हैं जबकि मोटी रकम उपचार के नाम पर खर्च कर देते हैं।

इनका कहना
बहोत दिनों से यहां यह ब्यक्ति दवाई करता है उप स्वास्थ्य केंद्र कभी कभार खुलता है इसलिए लोग इसी बंगाली के पास मजबूरी में आकर दवाई करवाते हैं।
उमेश बैगा स्थानीय निवासी

उप स्वास्थ्य केंद्र चमराडोल का नया भवन भी बन गया है लेकिन कर्मचारी नहीं रहते हैं इसलिए ना तो लोगों को लाभ मिल पाता है और ना ही शासन के उद्देश्य की पूर्ति होती है मैंने खंड चिकित्सा अधिकारी से शिकायत भी किया है।जब सरकारी संस्थान से स्वास्थ्य सेवा नहीं मिलती है तो लोग बंगाली डॉक्टर के पास दवा कराने मजबूरी में जाते ही हैं।
बृजेश चंद्र तिवारी सरपंच चमराडोल

आपके द्वारा जानकारी दी गई है तो इसकी तहकीकात की जाएगी और पूरा प्रयास रहेगा की उप स्वास्थ्य केंद्र चमराडोल नियमित रूप से संचालित हो जिसका लाभ लोगों को मिले।
डॉ संदीप शुक्ला खंड चिकित्सा अधिकारी मझौली

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  • सुनील सोनी , " पोल खोल पोस्ट " डिजिटल न्यूज़ पोर्टल के प्रधान संपादक और संस्थापक सदस्य हैं। उन्हें पत्रकारिता के क्षेत्र में कई वर्षों का अनुभव है और वे निष्पक्ष एवं जनसेवा भाव से समाचार प्रस्तुत करने के लिए जाने जाते हैं।

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सुनील सोनी , " पोल खोल पोस्ट " डिजिटल न्यूज़ पोर्टल के प्रधान संपादक और संस्थापक सदस्य हैं। उन्हें पत्रकारिता के क्षेत्र में कई वर्षों का अनुभव है और वे निष्पक्ष एवं जनसेवा भाव से समाचार प्रस्तुत करने के लिए जाने जाते हैं।

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