रेत माफिया रिहंद नदी को कर रहे छलनी, अंजान बनी है कोतवाली पुलिस
माफियाओं ने नदी के बीचो-बीच रेत किया डंप, पुलिस अफसरो के कार्य प्रणाली पर उठ रहे सवाल
रेत माफियाओं के हौसले बुलंद है। उनके जेब में पुलिस और पत्रकार टारगेट में होने की बात सामने आ रही है। हालात कह रहे हैं कि रिंहद नदी से रेत खनन में प्रतिबंध के बाद भी रुकने का नाम नहीं ले रहा ह। माफियाओं द्वारा लगातार नदी से रेत निकाली जा रही है। नदी से रेत निकालकर नदी के बीचो-बीच रेत स्टॉक किया है। हर दिन रात बिना नंबर ट्रैक्टर ट्रालियों से रेत बेची जा रही है। यह सब पुलिस के संरक्षण में हो रहा है। रेत की अवैध खनन और परिवहन को लेकर एसपी को ध्यान देने की जरूरत है।
जानकारी के अनुसार कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत बलियरी से लगे रिहंद नदी में रेत का अवैध खनन और परिवहन कार्य जारी है। रेत माफिया रिहंद नदी से रेत निकालकर नदी के बीचो-बीच 5 सैकड़ा ट्रैक्टर के करीब रेत स्टॉक किए है। रिहंद नदी के किनारे से रास्ता बनाकर नदी के बीच में पहुंच रहे हैं।
यहां पानी भरे होने से सिर्फ ट्रैक्टर ट्राली ही पहुंचती है। बड़ी बात यह है कि खनिज और पुलिस अधिकारी इस ओर ध्यान ही नही दे रहे हैं। इससे पुलिस के अफसरों की कार्य प्रणाली पर सवाल उठ रहे है। चर्चा ऐसी भी है कि अफसर और माफिया की सांठगांठ से ही रिंहद नदी में रेत का अवैध कारोबार चल रहा है। इधर बता दे कि बलियरी रिहंद नदी से हो रहे अवैध उत्खनन को लेकर जिम्मेदारो को सूचना दी गई और यह भी बताया गया कि अवैध उत्खनन रेत का करने वाले माफिया मारने की धमकी भी दे रहे थे। तो पुलिस के द्वारा कहा गया कि पता लगाकर तत्काल कार्रवाई की जाएगी। लेकिन तीन दिन का समय बीत गया। फिर भी जिम्मेदार कार्रवाई करने से कतरा रहे है।
बिना रॉयल्टी और ओवरलोडिंग
रिंहद नदी से प्रतिदिन सैकड़ो ट्रैक्टर रेत के खनन और परिवहन में लगे हैं। रेत माफियाओं और पुलिस के सांठ-गांठ के चलते बिना रॉयल्टी के रेत तो निकाला ही जा रहा है। इसके साथ ही ओवरलोडिंग से क्षेत्र की सड़के भी खराब हो रही है। इसके साथ हादसे हो रहे हैं। इस कारण से शहरवासियों में काफी नाराजगी देखी जा रही है। हालांकि फोटो और वीडियो वायरल होने के बाद भी पुलिस रेत के खनन को लेकर चुप्पी साधे हुए हैं। रेत के अवैध खनन और परिवहन से पुलिस अधिकारियों पर भी सवाल खड़े हो रहे हैं।